नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा रची गई साजिश को नाकाम करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत रविवार को पांच राज्यों में सिलसिलेवार छापेमारी और तलाशी ली। NIA (एनआईए) के एक अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक, केरल पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र व बिहार राज्यों के कन्नूर, मलप्पुरम, दक्षिण कन्नड़, नासिक, कोल्हापुर, मुर्शिदाबाद और कटिहार जिलों में कुल 14 ठिकानों पर छापे मारे गए। अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ दस्तावेज भी जब्त किए गए।
छापेमारी का उद्देश्य भारत की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की प्रतिबंधित संगठन की साजिश का पर्दाफाश करना था। अधिकारी ने कहा, “एनआईए आतंक, हिंसा और आतंकवादी कृत्यों के माध्यम से वर्ष 2047 तक भारत में इस्लामिक खलीफा स्थापित करने के लिए सशस्त्र कैडर बनाने और पीएफआई सेना बनाने के पीएफआई और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को बेनकाब करने और विफल करने की कोशिश कर रहा है।” जा सकते हैं। तोड़फोड़।” के लिए काम कर रहे हैं।”
NIA (एनआईए) ने कहा, “पीएफआई समाज के कुछ वर्गों के खिलाफ लड़कर अपने हिंसक भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने व हथियारों का प्रशिक्षण देने की साजिश रच रहा है।” एनआईए NIA को संदेह है कि कई मध्य स्तर के पीएफआई PFI एजेंट मास्टर ट्रेनर के तौर पर काम कर रहे हैं, जो अपने अत्यधिक कट्टरपंथी पीएफआई PFI कैडरों को हथियारों, लोहे की छड़ों, तलवारों और चाकू के इस्तेमाल में प्रशिक्षित करने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों की यात्रा करते हैं। क र ते हैं।
यह भी पढ़ें-दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी महिला, डॉक्टरों ने महज 6 मिनट में सर्जरी कर बचा ली जान
खुफिया और खोजी विश्लेषण और अंतर्दृष्टि के आधार पर, यह इन कैडरों और गुर्गों की पहचान करने और गिरफ्तार करने के लिए पिछले कई महीनों से विभिन्न राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी कर रहा है। पीएफआई के खिलाफ मामला एनआईए, दिल्ली द्वारा अप्रैल 2022 में दर्ज किया गया था। एजेंसी द्वारा सितंबर 2022 के दौरान राष्ट्रव्यापी अभियानों के बाद आपत्तिजनक साक्ष्य एकत्र किए गए थे, जिसके कारण एक दर्जन से अधिक एनईसी सदस्यों सहित कई शीर्ष पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी।
एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ गहन जांच की और मार्च 2023 में उनमें से 19 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में पीएफआई को भी एक संगठन के रूप में नामित किया गया था। इसके बाद अप्रैल 2023 में पीएफआई के शस्त्र प्रशिक्षण के राष्ट्रीय समन्वयक के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था। देश में तबाही मचाने के लिए कमजोर युवाओं को शिक्षित और प्रशिक्षित करने की पूरी पीएफआई साजिश का पता लगाने और उसे बेनकाब करने के लिए जांच जारी है। साजिश का अंतिम उद्देश्य भारत की आजादी की एक सदी पूरी होने तक एक इस्लामिक राज्य बनाना है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)