इस्लामाबादः पाकिस्तान (Pakistan) की राजनीति में उथल-पुथल जारी है। इसी के चलते बुधवार को देर रात राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की संसद भंग करने की सिफारिश पर संसद भंग कर दी। इसके साथ ही पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सत्ता खत्म हो गई। पाकिस्तान में अब नए सिरे से चुनाव होंगे। हालांकि, राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बन चुके इमरान खान की भागीदारी को लेकर गहरा संदेह है।
12 अगस्त को पूरा हो रहा है कार्यकाल
बता दें कि देश की मौजूदा संसद का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को पूरा हो रहा था। शाहबाज शरीफ को नए चुनाव में जाना ही था। अब पाकिस्तान (Pakistan) चुनाव आयोग को 90 दिनों में चुनाव कराने होंग। इससे पहले शाहबाज शरीफ ने संसद में कहा था कि वह संसद को भंग करने की सिफारिश करने जा रहे हैं। इसके साथ ही वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री के चयन के लिए गुरुवार को विपक्षी नेताओं से बातचीत करेंगे।
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2018 में हुआ पिछला चुनाव पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता इमरान खान ने जीता और प्रधानमंत्री बने। लेकिन सेना से तनातनी के बाद 2022 में उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, जिसमें इमरान खान की सरकार गिर गई। इसके बाद भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें जेल में डाल दिया गया। ऐसी चर्चा जोरों पर है कि इमरान खान अगले पांच साल तक किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
पूर्व पीएम इमरान की पार्टी जल्द से जल्द कराना चहती चुनाव
गौरतलब है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ देश में जल्द से जल्द चुनाव चाहती है जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन यथासंभव लंबे समय तक चुनाव कराना चाहता है। चूंकि राष्ट्रपति अल्वी इमरान के करीबी हैं, इसलिए शरीफ सरकार को संदेह था कि वह समय से पहले नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए सरकार का प्रस्ताव नहीं मांगेंगे। इसलिए उसने यह चाल चली।
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