रांची: रविवार को ज्यूडिशियल एकेडमी, रांची में महिला उत्पीड़न एवं वेश्यावृत्ति रोकथाम पर राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि चीफ जस्टिस झारखंड संजय कुमार मिश्रा (Chief Justice Sanjay Kumar Mishra) शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत महिला हिंसा पर जागरूकता से संबंधित पुस्तक के विमोचन से हुई। इसके बाद झारखंड समेत अन्य राज्यों से आए न्यायाधीशों ने महिला उत्पीड़न की रोकथाम पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा (Chief Justice Sanjay Kumar Mishra) ने कहा कि वेश्यावृत्ति एवं महिला उत्पीड़न झारखंड के लिए संवेदनशील विषय है। ऐसा अक्सर पीड़ित के किसी करीबी द्वारा किया जाता है। घटना के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी आरोपियों को सजा दिलाना है। पुलिस अधिवक्ता और न्यायाधीश इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि वेश्यावृत्ति झारखंड के लिए अभिशाप है। इसे कम करने की जरूरत है और यह जागरूकता से ही होगा।
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जस्टिस एसके द्विवेदी ने कहा कि झारखंड में ऐसे मामलों की संख्या अधिक है। इसके लिए कई कारण हैं। जागरूकता एवं त्वरित न्याय ही महिलाओं को देह व्यापार से बचाने का एकमात्र उपाय है। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायमूर्ति रोगन मुखोपाध्याय, गुजरात उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश सोनिया कोगानी के अलावा अधिवक्ता और पुलिसकर्मी उपस्थित थे।
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