नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले (IRCTC scam case) में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया।
22 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
आज सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत नौ आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट ने इन नौ आरोपियों को आज पेशी से छूट दे दी। आज लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और लारा प्रोजेक्ट कंपनी की ओर से दिल्ली में बाढ़ के कारण सुनवाई टालने की मांग की गई, जिसके बाद कोर्ट ने 22 जुलाई को सुनवाई का आदेश दिया।
05 जुलाई को अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने आरोप तय करने के मुद्दे पर अपनी आंशिक दलीलें पेश कीं। 28 जनवरी 2019 को कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। 19 जनवरी 2019 को कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में लालू यादव को नियमित जमानत दे दी थी। कोर्ट ने लालू यादव को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
इन 16 लोगों को बनाया गया आरोपी
कोर्ट ने 17 सितंबर 2018 को ईडी द्वारा दायर की गई चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नथमल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता शामिल हैं। होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलन और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड।
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लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को हस्तांतरित कर दिया था और होटलों के रखरखाव के लिए टेंडर जारी किए थे। रांची और पुरी में दो होटलों का आवंटन कोचर बंधुओं की कंपनी सुजाता होटल को स्थानांतरित कर दिया गया था।
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