Friday, November 8, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeदेशChandrayaan-3: इस कंपनी ने पूरा किया ISRO का सपना, 17 महीने से...

Chandrayaan-3: इस कंपनी ने पूरा किया ISRO का सपना, 17 महीने से इंजीनियरों को नहीं मिली सैलरी

रांची: चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग (Chandrayaan-3 Launch) पर गर्व और खुशी में डूबे देश के लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो सकता है कि इस यान के लिए लॉन्चिंग पैड समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण बनाने वाली कंपनी के इंजीनियरों-अफसरों-कर्मियों को महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है। चंद्रयान समेत इसरो के सभी बड़े सैटेलाइट के लिए लॉन्चिंग पैड बनाने वाली इस कंपनी का नाम है- HEC (हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन)।

धुर्वा, रांची में स्थित यह सार्वजनिक उपक्रम देश के भारी उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य कर रहा है और इसने देश में सभी उद्योगों की जननी की प्रतिष्ठा अर्जित की है। पिछले दो-तीन वर्षों से गंभीर कार्यशील पूंजी संकट से जूझ रहे एचईसी में आज की तारीख में 3,000 से अधिक इंजीनियर और कर्मी कार्यरत हैं। कंपनी पर उनका 17 महीने का वेतन बकाया है। इंजीनियर-कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे, लेकिन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Launch) के लिए इसरो से मिले वर्क ऑर्डर को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।

इसके परिणामस्वरूप मोबाइल लॉन्चिंग पैड, टॉवर क्रेन, फोल्डिंग कम वर्टिकल रिपोजिशनेबल प्लेटफॉर्म, हॉरिजॉन्टल स्लाइडिंग डोर, 6-एक्सिस सीएनसी डबल कॉलम वर्टिकल टर्निंग और बोरिंग मशीन, 3-एक्सिस सीएनसी सिंगल कॉलम वर्टिकल टर्निंग और बोरिंग मशीन सहित जटिल उपकरणों की आपूर्ति हुई। तय समय से पहले दिसंबर 2022 में किया गया।

बनाया राॅकेट का माॅडल, काटा केक

शुक्रवार दोपहर जब चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Launch) को इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया तो एचईसी के इंजीनियरों और कर्मियों ने गर्व और खुशी के क्षण का जश्न मनाया। वे केक काटने के लिए वर्कशॉप के बाहर इकट्ठा हुए और तालियां बजाईं। कंपनी के गेट के पास ही इंजीनियरों ने चंद्रयान-3 और एचइसी का रॉकेट मॉडल भी बनाया था। चंद्रयान-3 की सफलता के जश्न में शामिल इंजीनियर सुभाष चंद्रा ने कहा कि एचईसी के सभी कर्मियों का सिर एक बार फिर गर्व से ऊंचा हो गया है। हमें खुशी है कि हम देश की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना में भागीदार हैं।

ये भी पढ़ें..Chandrayan-3 Launch: बादलों को चीरते हुए चांद के सफर पर निकला…

लगातार घाटे में डूब रही कंपनी

बता दें कि एचईसी (HEC) के पास वर्क ऑर्डर की कमी नहीं है, लेकिन कार्यशील पूंजी की कमी के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है और इस कारण कंपनी लगातार घाटे में डूबती जा रही है. एचईसी ने कई बार भारी उद्योग मंत्रालय से एक हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, लेकिन मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र सरकार कारखाने को किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकती है. कंपनी प्रबंधन को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा।

ढाई साल से नहीं हुई CMD की नियुक्ति

1963 में करीब 22 हजार कर्मचारियों के साथ शुरू हुई इस कंपनी में अब सिर्फ 3400 कर्मचारी-अधिकारी हैं। कर्ज और बोझ इतना है कि कंपनी उनका वेतन देने में भी पूरी तरह सक्षम नहीं है। पिछले ढाई साल से एचइसी में स्थायी सीएमडी की नियुक्ति नहीं हुई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें