कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के जाने-माने चेहरे अनंत महाराज को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है। हालाँकि उनका व्यक्तित्व उत्तरी बंगाल में राजवंशी समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय रहा है, लेकिन वे हमेशा एक अलग कूच बिहार राज्य की मांग करते रहे हैं।
हिंसक आंदोलन करने वाले को बीजेपी दे रही बढ़ावा
वहीं अब टीएमसी ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा है कि भाजपा की योजना बंगाल को कई हिस्सों में बांटने की है। कभी वे अलग उत्तर बंगाल की मांग करते हैं तो कभी अनंत महाराज जैसे लोगों को टिकट दे रहे हैं जो अलग कूचबिहार की मांग कर रहे हैं। इससे साफ है कि बीजेपी बंगाल को तोड़ने के लिए हिंसक आंदोलन करने वालों को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी राज्य के सभी समुदायों को साथ लेकर विकास के रास्ते पर चलने वाली है। इसलिए अनंत महाराज को टिकट दिया गया है। वह उत्तर बंगाल के राजबंशी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में उपेक्षित है।
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हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अनंत महाराज को राज्यसभा भेजकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल में पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा, लेकिन उसके बाद 2021 के विधानसभा चुनाव में वहां के कई हिस्सों में तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया। उसके बाद पंचायत चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन राज्य के उत्तरी हिस्सों में बहुत अच्छा नहीं रहा। ऐसे में राजवंशी समुदाय और अलग कूचबिहार आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे अनंत महाराज को राज्यसभा भेजकर पार्टी को 2024 में इसका फायदा मिल सकता है।
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