Sawan Month: फिरोजाबादः सुहागनगरी के नाम से प्रसिद्ध फिरोजाबाद जिले में भी एक शिव मंदिर है, जो महाभारत काल से पहले का है। और इसकी नींव भीष्म पितामह के पिता महाराजा शांतुन ने रखी थी। इस शिव मंदिर में भक्तों ने कई बार कई चमत्कार देखे हैं। यही कारण है कि सावन के महीने में इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रावण माह के पहले सोमवार को बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने कावड़ चढ़ाने के साथ ही पूजा-अर्चना की। शहर से करीब सात किलोमीटर दूर ग्राम सांती में स्थित संतेश्वर नाथ महादेव मंदिर कई वर्ष पुराना है।
महाभारत काल से पहले हुआ था मंदिर का निर्माण
इसका पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व है। मंदिर के महंत रमेश गोस्वामी कहते हैं कि हमारे पूर्वजों ने हमें बताया था कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल से पहले हुआ था। महाराज शान्तनु भगवान शिव की आराधना करते थे। उनके समय में एक साँप प्रतिदिन एक ही स्थान पर बैठा रहता था। जब खुदाई की गई तो यहां शिवलिंग निकला। जिसकी स्थापना की गई। शिवलिंग की गहराई जानने के लिए कई बार खुदाई की गई है। लेकिन आज तक यह पता नहीं चल सका कि यह शिवलिंग जमीन के अंदर कितनी गहराई में है। महाभारत युद्ध के बाद यहाँ दोबारा कोई नहीं आया। इस मंदिर को आज भी लोग भीष्म पितामह के नाम से जानते हैं।
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मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य
मंदिर के पास ही एक किला है, जो अब खंडहर हो चुका है। इस मंदिर में कई चमत्कार होते रहे हैं। यहां एक गाय खड़ी रहती थी और उसका दूध अपने आप निकल जाता था। एक साँप जो मन्दिर के पास रहता था। कई बार लोगों ने भगवान शिव की पिंडी से लिपटे हुए दर्शन किए हैं। यहां जो भी भक्त सच्चे मन से आता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पवित्र श्रावण माह के पहले सोमवार को मंदिर में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने कांवर चढ़ाने के साथ ही जलाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना की। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते नजर आए।
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