प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मृत कर्मचारी की दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन (Pension) की हकदार नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद भी दूसरी पत्नी सेवानिवृत्ति लाभ पाने की हकदार नहीं हो सकती।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने मृतक मुख्य आरक्षी की दूसरी पत्नी विमला देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिकाकर्ता विमला देवी ने मृतक कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह को उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन दिए जाने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि वीरेंद्र सिंह पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वीरेंद्र सिंह ने अपनी पहली पत्नी के जीवनकाल में ही दूसरी शादी कर ली थी। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पहली पत्नी रामबेटी को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी। 2018 में रामबेटी का भी निधन हो गया। इसलिए दूसरी पत्नी विमला देवी ने पेंशन का लाभ दिलाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की।
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राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता ने कहा कि किसी कर्मचारी की पहली पत्नी के जीवनकाल में दूसरी शादी करना कानूनी अपराध है। अत: शून्य विवाह के आधार पर याचिकाकर्ता को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने विमला देवी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि पहली पत्नी को ही मृत कर्मचारी की कानूनी पत्नी माना जा सकता है। पहली पत्नी के जीवनकाल के दौरान दूसरी शादी कानूनन शून्य है। इसलिए, दूसरी पत्नी मृत कर्मचारी के आश्रित के रूप में सेवानिवृत्ति लाभ की हकदार नहीं है।
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