Wednesday, January 8, 2025
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HomeदेशVIP नंबरों की ई-नीलामी प्रक्रिया में बदलाव, आवेदन से पहले जानें नियम

VIP नंबरों की ई-नीलामी प्रक्रिया में बदलाव, आवेदन से पहले जानें नियम

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए संशोधित ई-नीलामी प्रणाली शुरू की है। इसके तहत वाहनों का वीआईपी नंबर लेने के लिए 30 फीसदी राशि अग्रिम जमा करना अनिवार्य होगा। खास बात यह है कि वीआईपी नंबर लेने से मना करने पर यह रकम वापस नहीं की जाएगी।

दरअसल, कुछ महीने पहले फर्जी बोली लगाने वाले वीआईपी नंबर लेकर सामने आए थे, उसके बाद अब हिमाचल में संशोधित ई-नीलामी व्यवस्था शुरू की गई है। नई व्यवस्था से 195 नए नंबर जारी किए गए, जिससे सरकार को एक करोड़ चार लाख 70 हजार पांच सौ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।

पहले जमा करनी होगी 30 फीसदी राशि

उपमुख्यमंत्री व परिवहन विभाग के प्रभारी मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को कहा कि पुरानी व्यवस्था में लोग कुछ समय के लिए बड़ी बोली लगाकर नंबर नहीं खरीदते थे। नई व्यवस्था में बोली लगाने वाले को पहले 30 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी। यदि यह नंबर नहीं लिया जाता है, तो राशि वापस नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था से अब तक 195 नंबर जारी किए जा चुके हैं। विभागीय पोर्टल पर वाहनों के विशेष या वीआईपी नंबरों की बोली में भाग लेने के लिए आवेदक सोमवार से शनिवार तक ई-नीलामी प्रणाली के तहत ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। रविवार को शाम 5 बजे के बाद इन नंबरों के लिए बोली लगाने का परिणाम अपने आप ऑनलाइन घोषित हो जाएगा।

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वीआईपी नंबर के लिए चल रहा खेल 

हिमाचल प्रदेश में वाहनों के वीआईपी नंबर लेने के पीछे बड़ा खेल चल रहा है. प्रशासन द्वारा जब भी नंबर सीरीज खोली जाती है तो पोर्टल पर ऑनलाइन बिड लगा दी जाती है। चार से पांच लोगों ने मिलकर ऑनलाइन बोली लगाई। नंबर लेने के लिए पहले व्यक्ति ने 50 हजार, उसके बाद दूसरे ने एक लाख और आखिरी ने एक करोड़ की बोली लगाई। पोर्टल बंद होने पर जब आखिरी बोली लगाने वाले से परिवहन विभाग द्वारा नंबर लेने को कहा जाता है तो वह नंबर लेने से इंकार कर देता है। ऐसी स्थिति में परिवहन विभाग की ओर से दूसरे नंबर के व्यक्ति को नंबर लेने का मौका दिया जाता है। उसके भी मना करने के बाद तीसरे नंबर के व्यक्ति जिसने सबसे कम बोली लगाई होती है उसे यह नंबर दिया जाता है। हाल ही में शिमला जिला के कोटखाई में भी स्कूटी के नंबर के लिए ऑनलाइन लगाई गई एक करोड़ की बोली में भी यही हुआ है।

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