लखनऊः लगातार चौथे वर्ष भी बिजली दरें बढ़वाने में नाकाम साबित हुआ पावर कॉर्पोरेशन अब विद्युत सामग्री की दरों में वृद्धि की जोर-आजमाइश कर रहा है। यूपीपीसीएल ने नए बिजली कनेक्शन लेने और विद्युत सामग्री की दरों में 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया है। हालांकि, उक्त वृद्धि प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी नहीं मिली है, वहीं नई कास्ट डाटा बुक में कॉर्पोरेशन ने जीएसटी के नाम पर बड़ा घालमेल करने की कोशिश की है।
पावर कॉर्पारेशन द्वारा नियामक आयोग में दाखिल कास्ट डाटा बुक का प्रस्ताव उपभोक्ता परिषद के हाथ लगा, तो उसमें तमाम खामियां उजागर हुईं। परिषद ने कास्ट डाटा बुक में खामिया निकालते हुए उस पर आपत्ति दर्ज कराई है। परिषद का आरोप है कि सामग्री की दरों पर कॉर्पोरेशन ने जीएसटी के नाम पर घालमेल करने की कोशिश की है। प्रस्तावित दरें जीएसटी के साथ हैं, जबकि प्रस्ताव में यह लिखा गया है कि दरें जीएसटी को छोड़कर हैं। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि कास्ट डाटा बुक पर बैठक के दौरान कॉर्पोरेशन अधिकारियों ने इस बात पर सहमति दी थी कि जो भी दरें प्रस्तावित की जाएंगी, उनमें जीएसटी शामिल नहीं किया जाएगा जबकि जो दरें प्रस्तावित की गई हैं, उनमें जीएसटी शामिल किया गया है। उपभोक्ताओं को छलने के लिए सामग्री दरों के साथ बिना जीएसटी के लिख दिया गया है।
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कास्ट डाटा बुक में आयोग ने परिषद के कुछ सुझावों को भी शामिल किया है। अब 16 केवीए के थ्री फेज ट्रांसफार्मर को भी कास्ट डाटा बुक में शामिल किया गया है। प्रस्ताव अगर मंजूर हुआ तो इसका लाभ किसानों को मिलेगा, साथ ही किसानों को टीपीएमओ की दरें नहीं देनी पड़ेंगी। अब किसानों व अन्य उपभोक्ता जिन्हें 12 किलोवाट व 15 हार्सपावर तक के नए कनेक्शन लेने होंगे, उन्हें अब 25 केवीए ट्रांसफार्मर की जगह 16 केवीए ट्रांसफार्मर की दरें ही देनी पड़ेंगी। टीपीएमओ को हटाए जाने का प्रस्ताव मंजूर हुआ, तो किसानों को अब 20 हजार रुपए नहीं देने पड़ेंगे।
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