लखनऊः उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्कृष्ट सेवा में निरन्तर वृद्धि कर सेवा प्रदान कर रहा है। आसान और सुरक्षित यात्रा हर नागरिक का अधिकार है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कर्तव्यों का निर्वहन करे जैसा कि यात्री अपेक्षा करता है। यूपी में एक साल में सड़क हादसों पर नजर डालें तो जितने लोग एक साल में सड़क हादसों में मरे, उतने लोग तीन साल में कोरोना जैसी महामारी से नहीं मरे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ये बातें कहीं। उन्होंने 93 नई राजधानी सेवाओं और सात सामान्य बीएस-6 बसों को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश बस सेवा की स्थापना के 50 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी ने 75 जिलों को राजधानी दिल्ली से जोड़ा। यूपी के यात्रियों के लिए 100 नई बसों को मंजूरी दी गई है, जिनमें 93 बसें राजधानी एक्सप्रेस हैं, जो यूपी के 75 जिलों से दिल्ली के लिए चलेंगी। सात साधारण बसें हैं, जो यूपी के अंदर चलेंगी। दिल्ली से दूर के जिलों के लिए दो-दो बसें चलेंगी। डिमांड के हिसाब से इन बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। राजधानी एक्सप्रेस बसों का किराया सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा होगा। वह कम स्टॉपेज लेंगी। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की गौरवशाली यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी संचालकों को भी उनके साथ जोड़ा जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन यात्रियों को लाभ मिल सके। इलेक्ट्रिक बस सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा ये बसें चलाई जाएंगी। अत्याधुनिक बस स्टेशन बनाए जाएंगे और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि गांव से गांव तक रोडवेज बसों को जोड़ने की जरूरत है। इसमें निजी संचालक का भी सहयोग लिया जाए। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे पर मुख्यमंत्री योगी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, मैं अपनी और प्रदेश की जनता की ओर से संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल यात्रियों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि परिवहन विभाग के 50 साल पूरे हो गए हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले वर्षों में विभाग को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किया गया है। उन्होंने आर्थिक मदद की, जिससे 2000 बसें यूपी आईं। मुख्यमंत्री के सहयोग से पहली बार परिवहन विभाग को लाभ मिला है। पहले जहां रोजाना 12 से 13 करोड़ रुपए की आमदनी होती थी, अब वह आमदनी 18 से 21 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है। राजधानी बस सेवा का किराया सामान्य बसों से 10 फीसदी अधिक होगा। समय से दिल्ली पहुंचने के कारण इन बसों का ठहराव काफी कम होगा। यह अन्य बसों से तेज चलेगी। ऐसे में यह कम समय में दिल्ली पहुंच जाएगा।
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प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से लखनऊ के लिए पहली बस सेवा शुरू की गई। अब यह सेवा दिल्ली के लिए शुरू की जा रही है। 2 जून को योगी आदित्यनाथ इन बसों को सीएम आवास से हरी झंडी दिखाने वाले थे। लेकिन किसी कारणवश कार्यक्रम एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान राज्य के कुछ नवनिर्मित बस डिपो का भी उद्घाटन किया जाएगा। परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने कहा कि यह योजना सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है। लोगों को आसान और सस्ती परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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