Odisha train accident: ओडिशा के बालासोर में बहानगा स्टेशन के पास हुए दिल दहला देने वाले हादसे में मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। हादसे की खबर शुक्रवार की शाम को टुकड़े-टुकड़े हो गई। इससे पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) और मालगाड़ी के बीच टक्कर की खबर आई थी। इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस से टक्कर की बात भी सामने आई और देर शाम तक साफ हो गया कि तीन ट्रेनों के बीच टक्कर हुई है।
हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं वो बेहद डरावनी हैं, इनसे आशंका जताई जा रही थी कि मृतकों का आंकड़ा सैकड़ों में होगा। पहले 50 फिर 120, इसी तरह देखते ही देखते 207 से 280 पर पहुंच गया। अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 900 लोग घायल हैं। जबकि पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलता जा रहा है। अभी मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ेगा। फिलहाल राहत और बचाव का काम जारी है।
15 सालों में देश में हुए प्रमुख ट्रेन हादसों की लिस्ट
शुक्रवार की शाम को हुआ हादसा पिछले 15 सालों में देश के सबसे भीषण रेल हादसों (Odisha train accident) में से एक है। देश में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद यह पहली बड़ी ट्रेन दुर्घटना है । इससे पहले 20 नवंबर 2016 में बड़ा रेल हादसा हुआ था। जब इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर में पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में करीब 150 यात्रियों की मौत हो गई थी और 150 से ज्यादा जख्मी हो गए थे। यहां देखें 15 वर्षों में हुए प्रमुख ट्रेन हादसों पूरी लिस्ट…
1- 28 मई, 2010: मुंबई जाने वाली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे दक्षिण पूर्व रेलवे के खेमशुली और सरदिया स्टेशनों के बीच आधी रात के बाद पटरी से उतर गए और बगल के ट्रैक पर गिर गए। कुछ ही देर में बगल की पटरी पर दूसरी तरफ से आ रही मालगाड़ी उन बोगियों पर चढ़ गई। कम से कम 148 यात्री मारे गए और 200 से अधिक अन्य घायल हो गए। यह आरोप लगाया गया था कि माओवादियों ने पटरियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था जिसके कारण पश्चिम बंगाल में यह त्रासदी हुई।
2- 19 जुलाई 2010: उत्तर बंगा एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस ट्रेनें पश्चिम बंगाल के सैंथिया में आपस में टकरा गईं, जिसमें करीब 63 लोगों की मौत हो गई और 165 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
3- 7 जुलाई 2011: यूपी के एटा जिले में छपरा-मथुरा एक्सप्रेस ने एक बस को टक्कर मार दी थी। हादसा इतना भीषण था कि 69 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा दोपहर करीब 1.55 बजे मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर हुआ। हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन बस को करीब आधा किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गई। इस हादसे में 69 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
4- 23 मई 2012: हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे में चार डिब्बे पटरी से उतर गए और उनमें से एक में आग लग गई। इस ट्रेन हादसे में 25 की जान गई थी जबकि 43 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा कई यात्री सुलझ गए थे।
5 – 30 जुलाई, 2012: दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लग गई, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
6- 26 मई 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में खलीलाबाद स्टेशन के पास गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। दुर्घटना में करीब 25 लोगों की जान चली गई थी जबकि 50 से अधिक जख्मी हुए थे।
7- 20 मार्च 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में जनता एक्सप्रेस के इंजन सहित दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे जिसमे 30 लोगों से ज्यादा की मौत हो थी जबकि 150 ज्यादा घायल हो गए थे।
8- 20 नवंबर 2016: 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पुखरायां के पास पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए।
9- 19 अगस्त 2017: हरिद्वार से पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के करीब 14 डिब्बे डिरेल हो गए थे। जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई और 97 अन्य घायल हो गए।
10- 23 अगस्त, 2017: दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के नौ डिब्बे उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिसमें कम से कम 70 लोग घायल हो गए। इस ट्रेन हादसे में किसी यात्री की मौत नहीं हुई है।
11- 13 जनवरी 2022: में पश्चिम बंगाल के अलीपुरदार में हुए हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 36 घायल हुए थे। यह हादसा उस वक्त हुआ था जब बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के करीब 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। यहां तक कि भारतीय रेलवे की एक प्रीमियम ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस भी 2002 में एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हुई थी। 2301 हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस बिहार में गया और डेहरी-ऑन-सोन स्टेशनों के बीच रफीगंज स्टेशन के पास रात 10.40 बजे पटरी से उतर गई थी। इसके अलावा 10 सितंबर 2002 को ट्रेन की 14 बोगियां धवा नदी में गिरने से 140 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
ये आंकड़े 2010 से अब तक हुए ट्रेन हादसों के है। जबकि 2008 और 2009 में ऐसी कोई बड़ी ट्रेन हादसे की जानकारी सामने नहीं आई है। 2023 के रेलवे पिछले कुछ वर्षों से ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान दे रहा है और रेल पटरियों को अपग्रेड किया है और ट्रेनों को आमने-सामने की टक्कर से बचाने के लिए ‘कवच’ नामक एक उपकरण भी लगाया है। रेलवे ने अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को भी हटा दिया है। हालांकि, शुक्रवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों में हुई दुर्घटना ने भारतीय रेलवे के कई प्रयासों के बावजूद एक बार फिर ट्रैक सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
Odisha train accident के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज दुर्घटनास्थल (Odisha train accident) पर पहुंच चुके है। साथ ही हादसे के शिकार लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया।रेल मंत्री के ट्वीट के मुताबिक मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। ओडिशा के मुख्य सचिव ने कहा कि करीब 50 एंबुलेंस लोगों को ले जाने के लिए तैयार हैं। के लिए स्थापित हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में बसें लगाई गई हैं।
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