लखनऊः आरक्षित टिकट पर नाम परिवर्तन के लिए अब आस-पास के जनपद के यात्रियों को राजधानी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वह अपने जनपद में ही नाम परिवर्तन करा सकेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन ने नई व्यवस्था बनाई है। इससे आरक्षित टिकट पर नाम बदलवाने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।
जिन स्थानों पर राजपत्रित अधिकारी नहीं हैं, वहां पर मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (सीआरएस) और आरक्षण पर्यवेक्षक प्रभारी (आरएस) भी नाम परिवर्तन कर सकेंगे। इन अधिकारियों को टेलीफोन के जरिए किसी राजपत्रित अधिकारी को अनुमोदन भेजना होगा। अभी तक रेलवे में यह सुविधा नहीं थी। सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि बाराबंकी, सुलतानपुर आदि जनपदों के यात्रियों को टिकट में नाम परिवर्तन के लिए लखनऊ आना पड़ता था। अब इन जनपदों के यात्री अपने जिले में ही नाम परिवर्तन करा सकते हैं।
रेलवे बोर्ड के नियमों के अनुसार, नाम परिवर्तन की अनुमति केवल एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा दी जा सकती है। डिवीजनों (मण्डल स्तर) पर ऐसी अनुमति सीनियर डीसीएम, डीसीएम, एसीएम द्वारा की जाती है। इसके अलावा जहां पर एरिया मैनेजर तैनात हैं, वहां पर आरएम, एआरएम के साथ-साथ एसएम (स्टेशन मैनेजर) द्वारा भी अनुमति दी जा सकती है। नाम बदलने की सुविधा आरक्षित काउंटर टिकट, ई-टिकट और आइ-टिकट पर लागू होगी। नाम बदलने की अनुमति सिर्फ एक ही बार दी जाएगी। इसमें आरएसी व वेटिंग वाले यात्रियों के भी टिकट शामिल होंगे, वहीं नाम परिवर्तन को अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकेगा।
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रियायती टिकट पर नाम परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी। तत्काल टिकट पर नाम परिवर्तन नहीं कराया जा सकेगा। आरक्षित टिकट पर नाम बदलने के लिए राजपत्रित अधिकारी द्वारा आवश्यक पहचान प्रमाण पत्रों में राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, फोटो के साथ बैंक पासबुक या नोटरी का हलफनामा शामिल हैं। इसके अलावा परिवार के सदस्य के साथ सम्बंध दिखाना होगा। इसका ब्यौरा रेलवे अपने रजिस्टर में दर्ज करेगा। यात्री सरकारी कर्मचारी है और ट्रेन छूटने के 24 घंटे पहले उच्चाधिकारी के अनुरोध पर नाम बदला जा सकता है। परिवार के किसी अन्य सदस्य की यात्रा पर ट्रेन छूटने के 24 घंटे पहले यात्री दूसरे सदस्य का नाम दे सकता है। मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के छात्र का नाम बदलने पर संस्थान को 48 घंटा पहले लिखित अनुरोध करना होगा।
रेलवे स्टेशनों पर दिखेगी स्थानीय कला व संस्कृति की झलक
अमृत भारत योजना के तहत विकसित होने वाले रेलवे स्टेशनों में स्थानीय कला व संस्कृति का भी समावेश होगा। इस योजना के तहत पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के बादशाहनगर रेलवे स्टेशन को विकसित किया जाएगा। मास्टरप्लान के तहत यात्रियों की जरूरत के मुताबिक स्टेशन को विकसित किया जाएगा। स्टेशन के बाहर और अंदर यात्री सुविधाओं के लिए 18.5 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ मण्डल के लखनऊ-गोरखपुर रेलखंड पर स्थित बादशाहनगर स्टेशन को अमृत भारत योजना के अंतर्गत करीब 18.5 करोड़ की लागत से अपग्रेड किया जाएगा।
मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर स्टेशन के अंदर तक बदलाव के लिए मास्टरप्लान तैयार किया जा चुका है। चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य हासिल करने के लिए काम शुरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म सरफेस का अपग्रेडेशन होगा। स्टेशन पर सुविधाओं से सम्बंधित ग्लोसाइन बोर्ड, एलईडी, 12 मीटर चौड़ा पैदल पुल, सफेद लाइट, परिसर में उन्नत लाईटिंग, कोच गाइडेंस सिस्टम, ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड, डिजिटल क्लॉक, यात्री उद्घोषणा प्रणाली, सोलर प्लांट, वाटर कूलर, एयर कंडीशनर और स्टेशन पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय व शौचालयों के आधुनिकीकरण का काम होगा। रेलवे स्टेशन पर होने वाले सभी कामों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से टेंडर जारी कर दिया गया है।
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