Wednesday, November 6, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशUP: 2000 रुपए के नोट बंद होने पर छिड़ा सियासी रार, विपक्ष...

UP: 2000 रुपए के नोट बंद होने पर छिड़ा सियासी रार, विपक्ष ने कसा तंज, सत्तापक्ष ने बताया बेहतर कदम

2000 rs

लखनऊः नोटबंदी के बाद दो हजार के नोट बंद करने निर्णय को लेकर यूपी में राजनीति शुरू हो गयी है। एक तरफ जहां विपक्षी दलों के नेता निशाना साध रहे हैं तो वहीं सत्तारूढ़ दल के नेता इसे अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहतर कदम बता रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस भाजपा शासन की मनमानी बताया है। उन्होंने कहा कि देश की जनता और अर्थव्यवस्था को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर बताया है।

दो हजार के नोट का प्रयोग बंद किए जाने के निर्णय पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है। दो हजार के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सजा देश की जनता और अर्थव्यवस्था को भुगतानी पड़ेगी। शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है। वहीं सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने दो हजार के नोट में बंद करने पर कहा कि भाजपा कालेधन वालों की सूची को सार्वजनिक करे। 2000 के नोट शुरू करने का फैसला भाजपा ने ही किया था। सरकार ने 2000 नोट के जरिये भ्रष्टाचार फैलाया। विपक्ष को नोट बंदी से कोई भी नाराजगी नहीं है। भाजपा ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। विपक्ष को डराने और धमकाने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष भारतीय जनता पार्टी से डरने वाली नहीं है। भाजपा सरकार लगातार अपनी मनमानी कर रही है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविन्द राजभर ने कहा कि चलिए अब 2000 रुपये के भी नोट बंद हो गए हैं, जो लोग रखें हो वह बैंक में 30 सितंबर तक जमा कर दें। प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नोट बंदी की घोषणा के बाद अब रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट वैद्य बनाए रखते हुए उनकी वापसी व नये नोट नहीं छापने से काले धन वाले घबरायेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने को बड़े और कड़े कदम उठाने का स्वागत करता हूं।

ये भी पढ़ें..CBI ने शुरू की बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी…

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि दो हजार का नोट बंद होने से नम्बर दो वालों पर निश्चित रूप से प्रहार है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यह बेहतर कदम है। मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि हमारी सरकार के फैसले अच्छे हैं, तभी ब्रिटेन से हम अर्थव्यवस्था में आगे हैं। बैंक में धन आयेगा, तो सर्कुलेशन होगा। जब धन रोटेट होता है तो उससे अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। धन एक स्थान पर रुकने से अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचती है। देश की जनता हर फैसले को समझती है। वहीं दो हजार के नोट बंद करने के रिजर्व बैंक के निर्णय को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी सहित सत्तादल से गठबंधन पार्टियों ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

क्या कहते हैं आर्थिक मामलों के जानकार

आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक दो हजार का नोट बंद होना कोई सियासी कारण नहीं है। यह देशहित और अर्थव्यवस्था को देखते हुए लिया गया निर्णय है। इससे पूंजी को जमाकर रखने वालों की चिंताएं जरुर बढ़ेंगी, लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार अभी 30 सितम्बर तक इन नोटों को जमा किए जाने की सहूलियत दी गई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें