कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने हावड़ा और हुगली जिलों में रामनवमी पर हुई झड़पों की एनआईए जांच के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मामले में राज्य सरकार ने कहा कि जांच केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपी जा सकती क्योंकि अदालत का आदेश विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा एक गुप्त राजनीतिक मकसद से दायर याचिका पर था। बता दें कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी। 27 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मामले की एनआईए जांच के लिए राज्य पुलिस को आदेश देते हुए मामले से संबंधित सभी दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी निर्देश दिया था।
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एनआईए इस मामले में पहले ही छह प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) के अतिरिक्त प्रभारी महानिदेशक, साथ ही चंद्रनगर पुलिस आयुक्तालय और हावड़ा सिटी पुलिस के आयुक्तों को पत्र भेजकर दस्तावेजों की प्रतियां मांगी थीं।
एनआईए जांच का आदेश देते हुए पीठ ने कहा था कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाना राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। न्यायमूर्ति शिवगणनम ने क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की झड़पों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा सकता है। ऐसी घटनाओं से लोग तनाव में आ जाते हैं।
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