पलवलः जिले के 26 निजी स्कूलों की मान्यता पर तलवार लटकी है। जून 2018 के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारी स्तर पर जारी मान्यता को रद्द कर नई स्थायी मान्यता लेने के निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि यदि उक्त विद्यालय आगामी 3 माह में निर्धारित मानकों के आधार पर स्थायी मान्यता के लिए आवेदन नहीं करते हैं तो विद्यालयों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई कर मान्यता निरस्त कर दी जायेगी।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 से पहले डीसी के नेतृत्व में गठित कमेटी निजी स्कूलों को मान्यता देती थी. विभाग ने 18 जून 2018 को डीईओ को अपने स्तर पर अस्थाई मान्यता देने का अधिकार दिया था। शक्तियों का दुरुपयोग कर पलवल के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने मानकों को पूरा किए बिना स्कूलों को मान्यता देना शुरू कर दिया। विभिन्न जिलों से शिकायतें मिलने पर सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ये शक्तियां वापस ले लीं।
शिक्षा निदेशालय से मान्यता प्राप्त स्कूलों की जानकारी ली गई तो कई स्कूल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इस मौके पर निदेशालय ने इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने का मन बना लिया था, लेकिन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बारे में सोचते हुए स्कूलों को स्थायी मान्यता लेने का मौका दिया गया है। अकेले पलवल के 26 स्कूलों समेत पलवल, सोनीपत व कैथल के डीईओ को निदेशालय द्वारा 36 स्कूलों की सूची जारी की गई है।
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पलवल डीईओ अशोक बघेल ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी स्कूल को मान्यता देने में अनियमितता की गयी थी। करीब डेढ़ महीने के अंदर 26 स्कूलों को मान्यता दे दी गई। स्थायी मान्यता के अधिकार न होते हुए भी मान्यता प्रदान की गई। शिक्षा निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए इन विद्यालयों को निर्धारित मानकों के आधार पर पुनः मान्यता प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
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