Saturday, October 5, 2024
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गांजा तस्करों को 12 साल सश्रम कारावास की सजा, कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला

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लखनऊ। एनसीबी ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। एनसीबी ने कोर्ट में अपनी मजबूत और प्रभावी पैरवी के चलते 05 अभियुक्तों को 12 वर्ष का कठोर कारावास और 01 लाख रुपये का जुर्माने की सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।

इन मादक पदार्थ तस्करों में संतोष कु. पांडे पुत्र रामप्रसाद पांडे निवासी आजमगढ़, प्रिंस जायसवाल पुत्र सुरेंद्र जायसवाल निवासी आजमगढ़, अरविंद यादव पुत्र रामधनी यादव निवासी आजमगढ़, राकेश चौबे पुत्र वीरेंद्र चौबे निवासी आजमगढ़ और गोपाल श्रीवास्तव पुत्र रामलाल श्रीवास्तव निवासी सोनभद्र, उ.प्र. के निवासी हैं। जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई है वह सभी असम से गोरखपुर, यूपी में 202 किलोग्राम गांजा की अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल थे।

फैसला एनडीपीएस न्यायाधीश विनय आर्य, एएसजे, गोरखपुर कोर्ट ने आठ मई 2023 को सुनाई। एनसीबी के विशेष लोक अभियोजक मुसाफिर सिंह ने परीक्षण के दौरान 03 गवाह और मामले से संबंधित विभिन्न दस्तावेज पेश किए और कोर्ट में कहा की उपरोक्त आरोपी गांजा की व्यावसायिक मात्रा के दस गुना से अधिक की तस्करी में शामिल थे।

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इस प्रकार एनसीबी की प्रभावी पैरवी के चलते व कोर्ट ने मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, सभी अभियुक्तों को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8/20 और 29 के तहत किए गए अपराध का दोषी पाया। उन्हें उनके कर्मों की सजा सुनाते हुए सभी पांचों अभियुक्तों को कठोर कारावास की सजा दी। 12 साल की सजा सुनाई और हर एक पर एक लाख जुर्माने का फैसला दिया।

क्या था मामला

सभी पांचों आरोपियों संतोष कु. पांडे, प्रिंस जायसवाल, अरविंद यादव, राकेश चौबे, गोपाल श्रीवास्तव जो असम से 202 किलोग्राम गांजे की खेप गोरखपुर ला रहे थे। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गांजे की इस खेप का पकड़ा जाना मादक पदार्थ तस्करों के लिए बहुत बड़ा झटका था।

उपरोक्त पांचों आरोपियों को एनसीबी, लखनऊ द्वारा नौ मई 2019 को एनएच-28, गोरखपुर, यूपी में 202 किलोग्राम गांजा की बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पंजीकरण संख्या यूपी 50 बीटी 3136 वाले ट्रक में वर्जित सामान को कानूनी सामानों के बीच छुपाया गया था।

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रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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