मेयर पद के लिये घमासान”मुद्दे से भटकते मेयर पद के प्रत्याशी
झांसी: झांसी में निकाय चुनाव में मेयर पद को लेकर राजनीतिक घमासान चरम पर है। 2006 को मेयर पद के लिये कांग्रेस के प्रत्याशी के डां0 बी.लाल 76794 वोट पाकर विजयी हुये थे, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी योगेन्द्र कंसौरिया ने 39 हजार 74 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, 2006 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार धन्नूलाल गौतम तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि इसके बाद हुये चुनाव मे सपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो चुकी थी।
झांसी में मेयर पद के लिए तीन बार चुनाव हो चुके हैं। चौथा मतदान 4 मई को होना है, जिसमें झांसी से सभी प्रत्याशियों की किस्मत का लेखाजोखा झांसीवासियों के हाथ मे है, लेकिन सबसे मुख्य बात यह है कि आज तक किसी प्रत्याशी ने यह मुद्दा नही उठाया कि झांसी मे जगह की बहुत कमी है और सीपरी बाजार मे अतिक्रमण रहता है। वहीं, सदर बाज़ार में वहां के निवासियो की कैन्ट बोर्ड से कब्जे को लेकर झगड़ा चला आ रहा है, जिसमें स्थानीय विधायक और अधिकारी जाकर मामले को शांत कर आते हैं। इसके बाद कैन्ट के अधिकारी बदलते ही साथ फिर वही स्थिति होने लगती है।
इसके अलावा गोविन्द चौराहे से लेकर मिनर्वा और मिनर्वा चौराहे से लेकर कोतवाली तक कैन्ट बोर्ड की जगह है। इसके अलावा पुरातत्व विभाग की जमीन है। किसी मेयर ने आज तक टैक्सी स्टैंड पार्किंग की व्यवस्था के लिये कोई कदम उठाना उचित नही समझा। अगर मेयर चाहते तो रेलवे कैन्ट बोर्ड पुरातत्व विभाग से अनुबन्ध कर (दस्तावेजों के आधार) पर पार्किंग की व्यवस्था करवाकर स्थानीय लोगों को रोजगार देने का भी प्रबंध हो सकता था।
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झांसी की जनता ने बीजेपी व कांग्रेस दोनों को मेयर पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। बता दें कि कांग्रेस के बी लाल व बीजेपी की किरण वर्मा व रामतीर्थ सिंघल भी मेयर रह चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्याएं जस की तस हैं। नालों पर कब्जा हो चुका है। यहां तक कि लोगों ने सड़कों पर अतिक्रमण कर अपने मकान भी बनवा लिये हैं। झांसी की सीट 20 साल से सुपर सीट हो चुकी है। स्मार्ट सिटी के तहत कर वसूला जाने लगा है, पार्कों में कसरत करने वाले उपकरणों के लिए किराया वसूला जाने लगा है। जबकि समस्याएं दूर नहीं हुई हैं। पार्षद और मेयर केवल नाली सफाई जलापूर्ति की बात कर दमखम भरते नजर आ रहे हैं, जबकि मुददों से काफी दूर हैं।
- रिपोर्ट ब्रजेश साहू
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