कोलकाताः मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बाद सीबीआई हिरासत में तृणमूल नेता लालन शेख की मौत की जांच विशेष जांच दल (SIT) करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय की निगरानी में एसआईटी मामले की जांच करेगी। सीबीआई या सीआईडी दोनों में से कोई भी इसकी जांच नहीं करेगी। सीबीआई को भी इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं देनी होगी।
कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य पुलिस के आईपीएस प्रणव कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया जाएगा। उसमें कोलकाता पुलिस की होमीसाइड शाखा के प्रमुख बिरेश्वर भट्टाचार्य भी सदस्य होंगे। बाकी सदस्यों का चुनाव प्रणव कुमार खुद करेंगे। हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट की अनुमति के बगैर इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी।
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दरअसल बीरभूम जिले के रामपुरहाट में सीबीआई कैंप के अंदर लालन शेख का शौचालय में फंदे से लटका हुआ शव बरामद किया गया था। सीबीआई ने दावा किया था कि उन्होंने खुदकुशी की थी जबकि परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले में राज्य पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की थी उसमें सीबीआई के सात अधिकारियों को नामजद किया गया था। आश्चर्यजनक तौर पर उन अधिकारियों में वे अधिकारी भी शामिल थे जिनका लालन शेख के मामले से कोई लेना-देना नहीं था लेकिन उन्होंने बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल को मवेशी तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। इसलिए सीबीआई ने इस प्राथमिकी के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था।
इस मामले में कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि केंद्रीय एजेंसी के किसी भी अधिकारी को कोर्ट की अनुमति के बगैर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस मामले में सीआईडी को जांच का आदेश दिया था। लेकिन सोमवार को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि न्यायालय की निगरानी में एसआईटी मामले की जांच करेगी। जल्द से जल्द सीआईडी को सारे दस्तावेज एसआईटी को सौंपने को कहा गया है।
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