लखनऊः निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश के पश्चिम में उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन में खटास देखने को मिल रही थी। इसे लेकर राजनीतिक दलों में सपा-रालोद गठबंधन के टूटने के की बातें उठने लगी थी। निकाय चुनाव में दोनों दलों को नुकसान होने की आशंका को लेकर दोनों ही दलों ने गठबंधन निभाने की बात कही है। पार्टी की ओर से बयान में सफाई देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ाई जारी रखने की बात कही गई है।
बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद हेतु चुनाव नहीं लड़ेगी और राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन करेगी।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 18, 2023
समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से जारी अपने अधिकारिक ट्विटर से कहा गया कि बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ेगी। दोनों ही जगहों पर पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन करेगी। वहीं रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सपा और रालोद के गठबंधन में कोई दरार नहीं है। जिला स्तर पर समय अभाव के चलते गलतफहमी हुयी थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है। आज बैठक के बाद फिर से सूची जारी होगी। हमारे कार्यकर्ता बड़े मन के हैं और गठबंधन निभाकर चलेंगे। हमारा गठबंधन लंबे समय तक भाजपा से लड़ेगा।
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उल्लेखनीय है कि नगर निकाय निर्वाचन 2023 को लेकर सभी दलों द्वारा अपने-अपने पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा की जा रही थी। सपा ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा की और गठबंधन पार्टी रालोद की सीटों के उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया। इससे रालोद नेताओं में नाराजगी देखने को मिली। रालोद नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई। इसके चलते ही मंगलवार को सपा ने बैकफुट पर आकर बागपत और बड़ौत में अपने उम्मीदवारों को उतारने का निर्णय वापस ले लिया।
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