Thursday, December 19, 2024
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समलैंगिक विवाहः आरएसएस ने किया मोदी सरकार के स्टैंड का समर्थन, कही ये बात

Gay marriage: RSS did Modi

 

पानीपतः समलैंगिक शादी के मसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के स्टैंड का समर्थन किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के स्टैंड का समर्थन करते हुए कहा कि विवाह एक संस्कार है जो केवल स्त्री पुरूष के बीच होता है।

हरियाणा के पानीपत में चल रहे संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन मीडिया से बातचीत के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबाले ने समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के स्टैंड का समर्थन करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह के विषय में संघ का स्पष्ट विचार है कि विवाह एक संस्कार है जो स्त्री-पुरुष के बीच होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य व्यापक समाज हित है ना कि व्यक्तिगत दैहिक सुख और न ही विवाह कोई कांट्रेक्ट है।

जनसंख्या असंतुलन पर फिर से चिंता जताते हुए होसबाले ने कहा कि संघ जनसंख्या असंतुलन के प्रति चिंतित है, जिसका जिक्र समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और महात्मा गांधी भी कर चुके हैं।

राहुल गांधी द्वारा भारत में लोकतंत्र समाप्त होने संबंधी बयान की आलोचना करते हुए होसबाले ने कहा कि एक राजनीतिक दल के वरिष्ठ सांसद को अधिक जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए और देश में इमरजेंसी के लिए माफी तक ना मांगने वाले लोगों को लोकतंत्र पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वो अपनी राजनीति के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं, उनके पूर्वज भी संघ के बारे में बहुत सी बातें कहते थे लेकिन सच उनको पता है, देश को और पूरी दुनिया को भी सच पता है। भारत को एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र ही बताते हुए उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि संघ का हिन्दू राष्ट्र का विचार सांस्कृतिक राष्ट्र का विचार है, इसे भू-राजनीतिक सीमाओं वाली ‘स्टेट’ की अवधारणा के आधार पर नहीं देखना चाहिए।

सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में देखने पर इस विषय में कोई भ्रम नहीं रहता क्योंकि भारत इस रूप में हिन्दू राष्ट्र ही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ की शाखाओं में महिलाओं के आने को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। संघ की शाखाओं में पुरुषों के कार्य होते हैं, जहां तक महिलाओं की सहभागिता की बात है उसके लिए संघ की राष्ट्र सेविका समिति उसी तरह से कार्य करती हैं, शाखाएं चलाती हैं। इसी तरह से परिवार से जुड़े कई कार्यक्रम भी होते रहते हैं जिसमें महिलाओं की सहभागिता होती है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में होसबाले ने कहा कि अस्पृश्यता समाज के लिए पाप और कलंक है तथा संघ इसे मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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