Thursday, December 26, 2024
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Bulldozer: हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद, असम में जमकर गरज रहा हेमंत का ‘बुलडोजर’

assam-himanta bulldozers

गुवाहाटीः हाईकोर्ट के सख्ती के बावजूद असम में हेमंत का जमकर बुलडोजर गरज रहा है। दरअसल असम के लोगों को में घरों पर बुलडोजर चलने, बड़े पैमाने पर बेदखली और बहुमंजिला इमारतों को घंटों के भीतर धराशायी होते देखने की आदत नहीं थी। लेकिन हेमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद परिदृश्य नाटकीय रूप से बदल गया है। असम में बुलडोजर चलाना आजकल आम बात हो गई है। बेदखली की खबरों ने मीडिया में नियमित रूप से जगह बना ली है।

हालांकि ‘बुलडोजर-ट्रेंड’ ने पहले ही काफी विवाद खड़ा कर दिया है, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस कदम की आलोचना किए जाने के बाद भी राज्य सरकार हार मानने के मूड में नहीं है। सरमा ने इसे कई बार दोहराया है कि उनकी मशीनरी तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि हर अवैध कब्जे वाले क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कर दिया जाता। भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) और बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ कथित संबंधों को लेकर निचले असम में कुछ निजी मदरसों को ध्वस्त कर दिया गया।

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ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के नेता व लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने मदरसों के खिलाफ विध्वंस अभियान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, मदरसे सार्वजनिक संपत्ति हैं, जिन पर बिना किसी कानूनी नोटिस के बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है। उत्तर में योगी आदित्यनाथ सरकार भी प्रदेश ने बुलडोजर का इस्तेमाल बंद कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि मदरसों को गिराना पड़ा क्योंकि उनका निर्माण भवन निर्माण संहिता के उल्लंघन में किया गया था। सितंबर 2021 में धौलपुर इलाके में बेदखली अभियान के दौरान डारंग जिले के पुलिस अधिकारियों और सिपाझर राजस्व मंडल के गोरुखुटी के स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस फायरिंग हुई।

इस घटना में कम से कम दो प्रदर्शनकारी मारे गए और बारह अन्य घायल हो गए। असम के नागांव जिले के अधिकारियों ने पिछले साल मई में बटाद्रवा पुलिस स्टेशन में आग लगाने के आरोप में कई परिवारों के घरों को नष्ट कर दिया था। पुलिस और प्रशासन ने यह कदम तब उठाया जब एक स्थानीय मछली विक्रेता की हिरासत में मौत के कथित मामले के जवाब में भीड़ ने जिले के बटाद्रवा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी।

बाद में गौहाटी उच्च न्यायालय ने बटाद्रवा पुलिस थाना आगजनी मामले में अभियुक्तों के घरों पर बुलडोजर के इस्तेमाल से जुड़े मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए असम सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य सरकार से बुलडोजर के इस्तेमाल के कानूनी आधार पर सवाल किया था। अदालत ने तब सरकार के वकील से कहा, आप (राज्य सरकार) हमें कोई आपराधिक कानून दिखाएं, इसके तहत पुलिस किसी अपराध की जांच करते समय किसी व्यक्ति को बिना किसी आदेश के बुलडोजर से उखाड़ सकती है।

बेंच के दो जजों ने यह भी कहा, अगर इस तरह की कार्रवाई की अनुमति दी जाती है, तो देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।सरकार को अदालत को आश्वासन देना पड़ा कि आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह सब असम सरकार की मशीनरी को बुलडोजर चलाने से नहीं रोक सका। पिछले हफ्ते भी, कछार जिले में, प्रशासन द्वारा घरों को तोड़ दिया गया था, भले ही निवासियों ने दावा किया था कि उनके पास भवनों के लिए ‘उचित’ दस्तावेज थे, लेकिन कागजात की पुष्टि किए बिना।

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