कानपुर: हवाओं की दिशाएं बदलने से मौसम का मिजाज रोजाना बदल रहा है लेकिन फिलहाल गेंहू की फसल के लिए मौसम सही है। हालांकि कानपुर मण्डल में हालांकि बढ़ते तापमान का असर गेहूं की फसल पर भी दिखने लगा है, जिससे कृषि विशेषज्ञों व किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस साल मध्य फरवरी के बाद से ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो लगी। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले सप्ताह में तापमान बढ़ सकता है और अभी 10 मार्च तक मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल रहेगा।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस.एन. सुनील पाण्डेय ने बताया कि जब दिन का तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक गेहूं की फसल सहन कर सकती हैं लेकिन दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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कृषि मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। जब तेज हवा चल रही है तो सिंचाई न करें अन्यथा फसल गिरने की संभावना बढ़ जाती है। जिन किसानों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधे घंटे तक फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं। गेहूं में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2 प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड यानि कि 400 ग्राम पोटाश खाद 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। इससे तापमान में अचानक से हुई वृद्धि से होने वाले नुक़सान पर काबू पाया जा सकता है।
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