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आईटीआर अधिकारी से मिले अहम सुराग, फॉरेंसिक जांच के लिए गए कई…

Important clue from ITR officer

 

नई दिल्ली: पाकिस्तानी एजेंट को ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) की गोपनीय संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार वरिष्ठ अधिकारी से पूछताछ में जांच एजेंसियों के हाथ अहम सुराग लगे हैं। चार दिन की पुलिस रिमांड में केन्द्रीय व राज्य एजेंसियों को मिले सुराग के आधार पर 6 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

ओडिशा के चांदीपुर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) और एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से देश के लिए बनाई गई मिसाइलों और अन्य हथियारों का परीक्षण किया जाता है, इसलिए यह संस्थान संवेदनशील और गोपनीयता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। यहां आम लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध है और सिर्फ आईटीआर में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों और फोटोग्राफरों को ही कड़ी जांच-पड़ताल के बाद परिसर में प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था है।

आईटीआर के टेलीमेट्री विभाग में एक तकनीकी अधिकारी के रूप में कार्यरत बाबूराम डे एक साल से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था। उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर काफी दिनों तक नजर रखने के बाद 24 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान हनी ट्रैप में फंसकर उसने पाकिस्तानी एजेंट को आईटीआर के बारे में संवेदनशील जानकारी लीक की। जालेश्वर निवासी 51 वर्षीय बाबूराम डे ने कथित तौर पर पाकिस्तान की एक महिला ऑपरेटिव के साथ डीआरडीओ के बारे में जानकारी साझा की थी। गिरफ्तारी के दौरान उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन जब्त किया गया था, जिसमें अश्लील तस्वीरें और वीडियो मिले।

पुलिस और जांच एजेंसियों के मुताबिक टेलीमेट्री विभाग में तकनीकी अधिकारी होने के नाते बाबूराम डे डीआरडीओ के कर्मचारियों और वैज्ञानिकों के संपर्क में था। इसलिए उसे मिसाइलों के प्रक्षेपण से संबंधित संवेदनशील तकनीकी जानकारी रहती थी। वह मिसाइलों के होने वाले परीक्षणों से संबंधित जानकारी पहले ही हासिल कर लेता था। महत्वपूर्ण पद पर होने की वजह से उसकी लगभग सभी मिसाइलों और क्लस्टर बमों के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और अन्य रक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ मौजूदगी रहती थी।

पूर्वी रेंज के आईजी हिमांशु कुमार लाल के मुताबिक बाबूराम डे ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी साझा करने में दो मोबाइल फोन नंबरों का इस्तेमाल किया। उसने कथित तौर पर मिसाइल परीक्षणों के बारे में वर्गीकृत जानकारी और अन्य संबंधित सूचनाओं को साझा किया। गिरफ्तार किये जाने के बाद विभिन्न जांच एजेंसियों ने बाबूराम से यह पता लगाने की कोशिश की कि विदेशी एजेंटों के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने में उसके साथ कोई और शामिल तो नहीं है।

बालासोर की एसपी सागरिका नाथ ने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 ए, 120 बी और 34 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाबूराम डे को बालासोर एसडीजेएम कोर्ट में पेश करके चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया, ताकि उससे जांच एजेंसियां पूछताछ करके और अधिक जानकारी हासिल कर सकें। पुलिस रिमांड के दौरान पता चला कि उसने इंटरनेट के माध्यम से संवेदनशील रक्षा सूचनाओं के अलावा निषिद्ध क्षेत्रों की तस्वीरें भी विदेशी एजेंट के साथ साझा की है। पुलिस ने विदेशी एजेंट के व्हाट्सएप नंबर को भी सत्यापित किया और रावलपिंडी में उसके ठिकाने का पता लगाया।

एसपी सागरिका नाथ ने बताया कि रिमांड में पूछताछ के दौरान हमें कुछ अहम जानकारी मिली है, जिसके आधार पर हम डेटा का टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हैं। इसके अलावा 6 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गुप्त रक्षा सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंटों को लीक करने और साझा करने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसीलिए रक्षा प्रतिष्ठान की सुरक्षा बनाए रखने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज की जासूसी का यह पहला मामला नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी बालासोर पुलिस ने 2021 में जासूसी के आरोप में डीआरडीओ के चार संविदा और एक स्थायी कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच ने बाद में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। इसी तरह के एक अन्य मामले में चांदीपुर आईटीआर के संविदा कैमरामैन ईश्वर बेहरा को 2015 में गिरफ्तार किया गया था। सितंबर, 2021 में भी आईटीआर के चार संविदा कर्मचारियों और नियमित कर्मचारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह मामले पकड़ में आने के बाद भी ‘जासूसी’ का सिलसिला थमा नहीं है।

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