भिवानीः भिवानी जिला कारागार में हत्या व मारपीट के मामले में विचाराधीन एक बंदी अपने बैरक के बाथरूम में संदिग्ध परिस्थितियों में लटका मिला। वहीं, संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर मृतक के परिजनों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है।
आपको बता दें कि गांव झुप्पा निवासी 23 वर्षीय शंकर उर्फ सचिन को करीब एक साल पहले 10 फरवरी को हत्या व मारपीट के मामले में भिवानी जिला कारागार लाया गया था। शंकर अविवाहित था और उसके खिलाफ आरोप अभी भी अदालत में लंबित थे। जेल प्रशासन के अधिकारियों को देर रात करीब डेढ़ बजे बैरक के शौचालय के अंदर रोशनदान पर शंकर का शव लटका मिला। उसके गले में चादर की रस्सी बंधी हुई थी। मामले की न्यायिक जांच के लिए जेएमआईसी अमित गौतम जिला जेल पहुंचे और बैरक का निरीक्षण किया। सदर थाना प्रभारी रमेशचंद्र की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल लायी।
मृतक युवक के मामा नरपाल व मृतक की मां ने बताया कि शंकर तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। वे दो भाई और एक बहन थे। उसे एक साल पहले ही गांव में ही रंजिश के चलते एक व्यक्ति की हत्या के मामले में जेल लाया गया था। नरपाल ने बताया कि मंगलवार को दोपहर ढाई बजे जेल प्रशासन ने शंकर से फोन पर बात की थी। शंकर अच्छा बोला। नरपाल का आरोप है कि जेल प्रशासन शंकर को प्रताड़ित कर रहा था। शंकर के संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे पर लटके पाए जाने की भी आशंका जताई जा रही है।
नरपाल ने बताया कि करीब एक साल पहले गांव में ही शंकर का सुनील और देवीलाल से झगड़ा हुआ था। सुनील और देवीलाल की बहन सुमन की सलाह पर शंकर ने सुनील की हत्या की थी। इसके बाद शंकर समेत चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया। परिजनों ने बताया कि कुछ समय पहले शंकर का जेल के अंदर प्रदीप कसनिया गिरोह के गुर्गों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद मामला शांत हो गया था।
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सदर थाना प्रभारी रमेश चंद्र ने बताया कि जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या मामले की न्यायिक जांच की जा रही है। पुलिस ने फिलहाल शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। इस संबंध में परिजनों के बयान दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
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