लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परंपरा सदैव स्वावलंबन की रही है। स्वालंबन की परंपरा को आगे बढ़ाने में समाज की भूमिका महत्वपूर्ण है। गांव और समाज आत्मनिर्भर होगा तभी देश आगे बढ़ेगा। समाज के पीछे चलकर सरकार देश को आगे बढ़ाने का काम करेगी। इससे देश के लोगों में स्वावलंबन का भाव भी उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि ब्रिटिश काल खंड में हमारे गौरव के बोध को समाप्त करने का प्रयास किया गया। यही कारण है कि बड़े-बड़े शिक्षण केंद्र तोड़ गये। आस्था के केंद्र को खत्म करने की कोशिश की गयी ताकि भारतीय समाज इस पर गौरव न कर सके। उसके स्वाभिमान को कुचलने का भी प्रयास किया गया। परिणाम यह हुआ कि इस बोध से हम आज तक मुक्त नहीं हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान ‘बालिका प्रकल्प’ के प्रस्तावित भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कई छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने संतरविदास जयंती की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि आज माघी पूर्णिमा है। मध्य काल में सामाजिक भेदभाव को दूर कर एक समरस समाज की स्थापना करने और कर्म साधना को प्रधान मानने वाले संतरविदास की 646वीं जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि संतरविदास के चरणों में वह कोटि-कोटि नमन करते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हर भारतीय ने अपने घर में तिरंगा लगाया। इससे देश में एकता और भारतीयता का एहसास हुआ। कोरोना काल के दौरान देश की एकता का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश के सभी नागरिकों ने टीमवर्क के रूप में कार्य किया। जिससे कोरोनाकाल से निपटने में भारत के प्रबंधन की सभी जगह तारीफ हुई। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भाऊराव देवरस और महामना मदन मोहन मालवीय के योगदान को भी याद किया। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षित और स्वावलंबी बनाने के लिए न्यास के प्रयास की सराहना की।
अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की दी सलाह
सीएम योगी ने कहा कि सरकार और समाज जब अनुशासन के साथ आगे बढ़ता है तो परिणाम भी उसी रूप में सामने आते है। उदाहरण के रूप में आज दो महापुरुषों से जुड़े पवित्र संस्थान के भूमि पूजन के कार्यक्रम के साथ हम जुड़े हैं। पहले डॉक्टर भाऊराव देवरस जिन्होंने लखनऊ में रह कर छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय हुए और देश की आज़ादी के आंदोलन में अपना योगदान एक युवा और नागरिक के रूप में किया। उसके उपरांत समाज के साथ जुड़ कर उसके लिए काम किया, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है। दूसरा नाम है भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय का है, जो स्वतंत्र संग्राम सेनानी थे। वह आज़ादी के आंदोलन के दौरान न्यायालय जा कर क्रांतिकारियों की पैरवी भी करते थे। महामना मालवीय एक समाज सुधारक भी थे। पवित्र गंगा को रोकने का प्रयास जब हुआ तब उन्होंने गंगा महासभा के माध्यम से आवाज़ उठाई। उन्होंने भारतीय परंपरा के अनुसार एक स्वतंत्र भारत में कैसा भारत हमें चाहिए उसके लिए कार्य किया और काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा संस्थान प्रारम्भ किया।
शिक्षकों और विद्यार्थियों को किया सम्मानित
कार्यक्रम में सीएम योगी ने संस्थान के तीन शिक्षकों और 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अपने पहले प्रयास में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस दौरान सीएम ने शिक्षकों को शाल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। वहीं छात्र-छात्राओं को मेडल पहनाया। उसके बाद सीएम योगी ने प्रकल्प की प्रथम स्मारिका का विमोचन किया। महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन पर आधारित इस स्मारिका में देश के मूर्धन्य विद्वानों के लेख हैं। न्यास की अर्धवार्षिक पत्रिका सेवा चेतना का भी सीएम योगी ने विमोचन किया।
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