Thursday, January 16, 2025
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Uttarakhand: अटाली गांव में घर, खेत, आंगन में पड़ी दरारें, RVNL ने आमजन के प्रवेश पर लगाई रोक

ऋषिकेशः उत्तराखंड के ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यासी के समीप स्थित अटाली गांव में भू-धंसाव की स्थिति अभी स्थिर है। गांव के खेतों में आई बड़ी दरारों को देखते हुए आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) ने यहां आमजन का प्रवेश निषेध कर दिया गया है। इसके लिए रेल विकास निगम की ओर से आवश्यक व्यवस्था की गई है। ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित पांच भवनों में ज्यादा दरारें आई हैं। करीब 85 परिवार वाले इस गांव के लोगों को मदद का इंतजार है। अटाली गांव में दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में अचानक भू धसाव होने से खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं थी। इतना ही नहीं यहां के कई घरों में भी दरारें आ गई थीं। यहां तक आंगन में भी बड़ी दरारें देखी गईं। इस गांव में करीब 85 परिवार हैं और इतने ही घर हैं। करीब 15 घरों में दरारें आई हैं।

गांव के ऊपरी क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी देवी, प्रेम सिंह, इंदर सिंह गोविंद सिंह चौहान, जय सिंह पुंडीर के घरों में ज्यादा दरारें आई हैं। जय सिंह पुंडीर और गोविंद सिंह चौहान के आंगन में बड़ी दरारें भी देखी गई हैं। रेलवे विकास निगम की टीम ने इन सभी दरारों को चिन्हित करके इनमें लाल निशान लगा दिए थे। 22 दिसंबर से 25 दिसंबर के बीच दरार आने का क्रम जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में दरारें स्थिर है लेकिन ग्रामीणों को आगे भी खतरे का पूरा अंदेशा है। एक जनवरी को विभाग की टीम पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर चुकी है। सभी जगह दरारों की चढ़ाई नापी गई थी। अब इनमें कितनी वृद्धि हुई है इसे देखने के लिए 15 जनवरी को फिर से टीम यहां आएगी। खेतों में जहां भी दरार आई हैं, वहां से होकर जाने वाले रास्ते को विभाग की ओर से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। सभी जगह चेतावनी के बोर्ड लगा दिए गए हैं। बाकायदा पूरे क्षेत्र को चिह्नित कर कवर किया गया है।

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गांव में रहने वाले हरि सिंह, फोन सिंह, सुरेश सिंह, नरेंद्र सिंह, मोहन सिंह, मातवर सिंह आदि के खेतों और भवनों में कहीं ना कहीं दरारें आई हैं। रेल विकास निगम के उप महाप्रबंधक, भूपेंद्र सिंह कहना है कि अटाली गांव में जहां भी दरारें आई हैं। सभी जगह सुरक्षा के लिहाज से तकनीकी जांच कराई गई है, जिसकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है। रेल परियोजना के कार्यस्थल पर कोई खतरा नहीं है। टनल के काम से गांव को कोई खतरा नहीं है। विभाग की टीम सभी घरों की मॉनिटरिंग कर रही है। अब 15 जनवरी को फिर से गहनता के साथ मानिटरिंग होगी। यदि इसमें आगे कुछ और संभावना नजर आती है तो उचित निर्णय लिया जाएगा।

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