Tuesday, October 22, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
Homeउत्तर प्रदेशआपको मालामाल कर सकती हे लाल भिंडी की खेती, सौ रुपए प्रति...

आपको मालामाल कर सकती हे लाल भिंडी की खेती, सौ रुपए प्रति किलो होती है इसकी बिक्री

लखनऊः किसान अब लाल भिंडी की खेती भी जोरों पर करने लगे हैं। इसकी उन्नत खेती करके किसान मालामाल बन सकते हैं। यह बात कुछ अलग जरूर है कि लाल भिंडी बाजार में अभी कम ही दिखती है, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार होने लगा है। कमाई में भी यह एक किलो सौ रूपए से ज्यादा में मिलती है।

लखनऊ में हरी भिंडी की खेती ही की जाती रही है, लेकिन अब कुछ स्थानों पर लाल भिंडी उगाई जाने लगी है। इसकी कीमत हरी से ज्यादा होती है और सिंचाई में भी यह हरी की अपेक्षा सस्ती होती है। हरी भिंडी के जैसे ही लाल भिंडी के पौधे की लम्बाई लगभग एक से डेढ़ मीटर तक होती है। यह ऐसी फसल है, जो खरीफ और बरसात दोनों मौसम में किसानों को मालामाल कर सकती है। इसके पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। बक्शी का तालाब स्थित कृषि विशेषज्ञ सत्येंद्र कुमार का कहना है कि यह लाल भिंडी वाला क्षेत्र नहीं है, लेकिन जिस फसल को तैयार करने में ज्यादा लाभ मिले, उसे बोना चाहिए। सत्येंद्र कहते हैं कि इसके बोने के तरीके थोड़े अलग हैं।

ये भी पढ़ें..महिलाओं को सबल बना रहा वीमेन पावर लाइन 1090

लाल भिंडी की खेती के लिए शुरुआत में खेत की जुताई कर उसमेें गोबर की खाद मिलाकर छोड़ दें। खाद मिलाने के बाद इसकी एक और जुताई करें। इससे मिट्टी में गोबर की खाद अच्छे से मिल जाती है। जब बीज बोने हों तो इसमें एक पानी लगाकर पलेवा करें। लाल भिंडी के लिए कुछ बीज बाहर से आने लगे हैं। इनमें आजाद कृष्णा सबसे प्रिय है। इस किस्म का रंग बैगनी व लाल होता है। यह फसल अभी बनारस में तैयार की जाने लगी है।

दुकानों में नहीं है बीज –

किसान ज्यादा लाभ के लिए चिंतित हैं। दुकानों तक वह पहुंच तो रहे हैं, लेकिन उन्हें लाल बीज नहीं मिल रहा है। कुछ वेबसाइट लाल भिंडी के बीज उपलब्ध करा रही हैं, लेकिन इनके बीज की कोई गारंटी नहीं है। डाॅ. सत्येंद्र कहते हैं कि लाल भिंडी को भी दो सीजन में उगाया जा सकता है और इसे जनवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च तक बो सकते हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें