झांसीः बुंदेलखंड में अदरक की खेती को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। झांसी में अदरक उत्पादन के क्षेत्रफल को बढ़ावा देने के मकसद से कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं। भरारी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र अदरक की बरुआसागर लोकल प्रजाति का बीज तैयार कर रहा है, जो तैयार हो जाने के बाद चयनित किसानों को बांटा जाएगा। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि बरुआसागर की अदरक की लोकल प्रजाति काफी गुणवत्तापूर्ण है। इसकी बाजार में मांग भी अधिक है।
कृषि विज्ञान केंद्र भरारी अदरक का जो बीज तैयार कर रहा है, उसे चयनित गांव में आदिवासियों और वंचित तबकों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाएंगे। लगभग 100 क्विंटल बीज तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके माध्यम से किसानों को इस प्रजाति के अदरक की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। तैयार हो रहे बीज को फरवरी में हार्वेस्ट करने के बाद चयनित किसानों को बांटा जाएगा और मई महीने में इसकी बुवाई की जा सकेगी।
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भरारी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आदेश कुमार बताते हैं कि झांसी में किसी समय में अदरक का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता था और यहां के अदरक की काफी डिमांड थी। अब सरकार फिर से यहां किसानों को अदरक के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। कृषि विज्ञान केंद्र भरारी अदरक का उन्नतशील बीज तैयार करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहा है। भरारी फार्म पर बरुआसागर लोकल प्रजाति के अदरक के बीज तैयार किये जा रहे हैं जो चयनित गांव के आदिवासी किसानों को और उपलब्धता के आधार पर अन्य किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
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