नई दिल्लीः केंद्रीय बजट- 2023 आने से पहले केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR,) के अपने एक वादे पर अपडेट दिया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि 75 साल से ऊपर के उन वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं करना होगा, जिनकी आय का साधन सिर्फ पेंशन या फिर बैंक से मिलने वाला ब्याज है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।
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वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी ट्वीट के मुताबिक 75 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक को अब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR,) दाखिल नहीं करना होगा, जिनके आय का साधन सिर्फ पेंशन या फिर बैंक से मिलने वाला ब्याज है। मंत्रालय के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट-1961 में एक नई धारा 194P को जोड़ा गया है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को यह फायदा मिलेगा। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में एक नई धारा Section 194P जोड़ी गई है। ये धारा अप्रैल, 2021 से लागू है. इसे लेकर कुछ नियमों में संशोधन किए गए हैं और बैंकों को इसकी जानकारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में इसका ऐलान किया था, जिसे नए वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट के पहले पूरा किया जा चुका है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) इसकी अधिसूचना पहले ही जारी कर चुका है। इसके अलावा सीबीडीटी ने आयकर के नियम-31, 31ए, फॉर्म 16 और 24क्यू में भी कुछ जरूरी संशोधन किए हैं, जो लागू हो चुका है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट के संबोधन में इस पर घोषणा करते हुए कहा था कि “अब जब हम अपने देश के स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष में हैं तो हम अपनी यात्रा और जोश के साथ जारी रखेंगे। हम देश में 75 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों पर टैक्स कंप्लायंस का बोझ कम करेंगे. ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय पेंशन और ब्याज से होती है, उन्हें लेकर हमारा प्रस्ताव है कि उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से मुक्ति दी जाए। उनका जिस बैंक में अकाउंट होगा, वो बैंक उनकी आय पर जितना टैक्स बनेगा, वो टैक्स काट लेगा।”
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