चेन्नई: तमिलनाडु के गांवों में जल्लीकट्टू का सीजन शुरू होने के साथ ही पोंगल का त्योहार भी मनाया जा रहा है। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सांडों को काबू करने वालों, सांडों के मालिकों और देखभाल करने वालों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की दो डोज अनिवार्य रूप से लेने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन लोगों को जल्लीकट्टू आयोजन से दो दिन पहले लिया गया आरटी-पीसीआर नेगेटिव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए उनके संबंधित जिलों में जल्लीकट्टू आयोजित किया जाए।
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फसल के बाद शुरू होता है जल्लीकट्टू खेल –
सांडों को वश में करने की प्रतियोगिता या जल्लीकट्टू तमिलनाडु के गांवों में सबसे बड़ा खेल है और यह फसल के मौसम के बाद आयोजित किया जाता है। जीतने वालों को बड़े पुरस्कार दिए जाते हैं। हालांकि, इसमें दुर्घटनाएं बी होती हैं। सांड को काबू करने के दौरान कई लोग घायल हो जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण लोग इस बार जलीकट्टू को लेकर काफी उत्साहित हैं।
जल्लीकट्टू के केंद्र मदुरै में सांडों को काबू करने वाले मुथुकेशवन ने बताया, सीजन जनवरी के मध्य से शुरू हो रहा है और हम निश्चित रूप से जीत रहे हैं। प्रतिबंधों के बाद और भीड़ की उपस्थिति के साथ हमारे पास यह एक अद्भुत समय होगा। मैंने कोविड वैक्सीन की दो डोज ले ली हैं और प्रतियोगिता से दो दिन पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट लूंगा। जल्लीकट्टू तमिलनाडु का त्योहार है और मैदान में हमारी वीरता का प्रदर्शन होता है। दूर-दराज के इलाकों से लोग खेल देखने के लिए मदुरै, पुदुकोट्टई, तिरुनेलवेली, थूथुकुडी और इरोड जैसे स्थानों पर पहुंचते हैं।
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