भोपाल: राजधानी भोपाल के एक प्रतिष्ठित स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम से स्कूल बस में ही दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में अदालत ने तीन महीने में सुनवाई पूरी करते हुए बस चालक हनुमत जाटव और उसकी मदद करने वाली महिला केयर टेकर उर्मिला साहू को दोषी करार दिया है। अब दोनों दोषियों को सोमवार को सजा सुनाई जा सकती है।
भोपाल जिला अदालत की विशेष न्यायाधीश शैलजा गुप्ता (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) की न्यायालय में शनिवार को मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने मुख्य आरोपित हनुमत जाटव को धारा 376 (एबी), 376(2) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया है। विशेष लोकअभियोजक मनीषा पटेल ने बताया कि इन धाराओं में दोषियों को मृत्युदंड तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है। वहीं, केयर टेकर उर्मिला साहू को धारा 109 और 16/17 में दोषी करार दिया गया है।
विशेष लोकअभियोजक मनीषा पटेल ने बताया कि घटना तीन महीने पुरानी है। साढ़े तीन वर्ष की बच्ची भोपाल के नीलबड़ इलाके के निजी स्कूल में पढ़ती है। स्कूल बस के चालक ने बस में ही बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। जब आठ सितंबर को बच्ची घर लौटी तो उसके कपड़े बदले हुए थे। यह देख मां हैरान हुई। बाद में उन्हें बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स पर खरोंच के निशान भी नजर आए। शक हुआ तो बच्ची से पूछा कि आपको कोई बैड टच करता है। इस पर बच्ची ने बताया था कि बस के ड्राइवर अंकल बुरे हैं, वे बैड टच करते हैं।
इसके बाद बच्ची के पेरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट से सम्पर्क किया। बाद में घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। महिला थाना पुलिस ने बस चालक पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी। एसआईटी ने घटना के 20 दिन के अंदर 242 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया। तीन महीने के अंदर 32 लोगों की गवाही हुई।
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