नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) को प्रतिबंधित करने के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए 14 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने जामिया यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर को जेटीए के प्रतिनिधियों से मिलकर बात करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये जेटीए प्रतिनिधियों से ये बातचीत कुलपति के दफ्तर में 20 दिसंबर को होगी। याचिका जेटीए के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आमिर आजम ने दायर की है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को जेटीए को प्रतिबंधित करने का कोई अधिकार नहीं है। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत संगठन बनाने का अधिकार है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से पेश वकील प्रीतीश सब्बरवाल ने कहा कि एसोसिएशन का गठन जामिया एक्ट के तहत होना चाहिए। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जेटीए के गठन की पड़ताल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है और उसकी रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी। उसके बाद कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को कमेटी की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश दिया।
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