चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में 23 अक्टूबर को हुए कार बम विस्फोट मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। कार विस्फोट में 29 वर्षीय युवक जमेशा मुबीन की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान उमर फारूक, मोहम्मद तौफीक और फिरोज खान के रूप में हुई है। एनआईए की टीम 23 अक्टूबर को संदिग्ध लोन वुल्फ हमले के बाद से तलाशी और गिरफ्तारी कर रही है। एनआईए ने पहले विस्फोट के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार किए गए छह लोगों में 14 फरवरी 1998 के कोयंबटूर विस्फोट मामले में जेल में बंद आतंकवादी अल उम्मा के संस्थापक एसए बाशा का भतीजा मोहम्मद तालका भी शामिल है। इस विस्फोट में 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे। एनआईए की टीम ने कोयंबटूर, तिरुचि और मदुरै जिलों के कई हिस्सों में छापेमारी की है और मामले के सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ भी की है।
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गौरतलब है कि मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट मामले में आरोपी मोहम्मद शरीक कोयंबटूर, मदुरै और कन्याकुमारी जिलों के कुछ इलाकों में रुका था। इस संबंध में पुलिस और एनआईए ने कई लोगों से पूछताछ भी की है। एनआईए ने पहले कहा था कि जमीशा मुबीन और मोहम्मद शरीक दोनों एक-दूसरे को जानते थे। उन्होंने तमिलनाडु के एक घर में विस्फोट की साजिश रची थी। दुबई में रहने हैंडलर अराफात अली के द्वारा उन्हें फंडिंग की गई थी।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि मृतक आरोपी जमेशा मुबीन ने आत्मघाती हमला करके एक विशेष धार्मिक आस्था के प्रतीकों और स्मारकों को व्यापक नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी ताकि लोगों में हदशत फैलाई जा सके। जांच में सामने आया है कि जमेशा मुबीन के द्वारा तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कूनोर में उमर के आवास पर एक साजिश बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में आरोपी व्यक्ति उमर फारूक और फिरोज खान ने भी हिस्सा लिया था। वे आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जमेशा मुबीन को समर्थन भी प्रदान करते थे। एनआईए ने कहा कि मोहम्मद तौफीक के पास आपत्तिजनक साहित्य, कट्टरवाद से जुड़ी किताबें और विस्फोटकों की तैयारी पर हस्तलिखित नोट्स भी थे।
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