कुरुक्षेत्रः गीता जयंती महोत्सव में गजेंद्र फौगाट नाइट में विधायक सुभाष सुधा भी खुद को रोक नहीं पाए और मंच पे आके नाचे। उनके संग पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज भी झूमे । गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन गजेंद्र फौगाट नाइट रखी गयी थी । फौगाट ने कार्यक्रम की शुरुआत गीता सार से प्रेरित भजन “भाई रै कोए मत करियो मरोड़” से की । इसके बाद उन्होंने नए भजन ”आके पढ़ले गीता लेजा हर मुश्किल का हल -गंगा जमना जैसा पावन ब्रह्मसरोवर का जल” सुनाया ।
कार्यक्रम में नाचने का सिलसिला शुरू हुआ फौगाट के प्रसिद्ध गीत ”म्हारी गीता जयंती कुरुक्षेत्र मैं आकै देखो जी से। फौगाट के इस गीत पे दर्शक पीछे से आके मंच के सामने नाचने लगे। फौगाट ने उसी समय ”ओ सांवरे मुझे तेरी जरूरत है” गाया तो युवा मानों पागल हो गए और मंच के सामने जमावड़ा लग गया। उसी समय फौगाट ने ”ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का” शुरू किया और दर्शकों के बीच जाके गाने लगे। दर्शकों ने उनके साथ ये गीत गाया।कार्यक्रम में बच्चों ने फौगाट के साथ मंच पे नाच के फोटो खिंचवाए। युवाओं की मांग पर ”बहु काले की,सेक्टर आली कोठी,पाणी आख्या का, चिड़िया उड़ गई, वंदेमातरम समेत हरियाणवी लोक गीत बता मेरे यार सुदामा रै, राम और लक्ष्मण दसरथ के बेटे,मैं ऐसी ल्याई चुंदड़ी भी सुनाए ।
कार्यक्रम में फौगाट ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने गीता जयंती को दुनिया के कोने कोने में विख्यात कर दिया है,उन्ही के प्रयास से आज विदेशों में भी गीत जयंती मन रही है । उन्होंने कहा की स्वामी ज्ञानानंद महाराज के प्रयासों से भी जयंती को नया आयाम मिला है। इस जयंती से लगभग 10 हज़ार से ज्यादा कलाकारों को काम मिला है जिसमे 100 तीर्थ, हर जिले में 3 दिवसीय समेत कुरुक्षेत्र की गीता जयंती शामिल हैं । कार्यक्रम में मुख्यतिथि विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि गजेंद्र फौगाट मस्ती का दूसरा नाम हैं। आज इन्होंने कुरुक्षेत्र को संगीत और नृत्यमई करने के स्तर को काफी ऊंचाई दे दी है। विधायक ने उन्हें स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देके सम्मानित किया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)