Thursday, December 26, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeफीचर्डकेंद्र सरकार पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- हमारा पैसा दो या सत्ता...

केंद्र सरकार पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- हमारा पैसा दो या सत्ता छोड़ दो…

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को सवाल किया कि क्या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत राज्य सरकार का बकाया पाने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने होंगे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार दोपहर झारग्राम में प्रतिष्ठित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा- मनरेगा योजना के तहत 100 दिन की रोजगार योजना के लिए केंद्रीय धन प्राप्त करना हमारा अधिकार है। मैंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस मामले में उनसे बात की। क्या मुझे अब उनके पैर छूना होगा?, केंद्र सरकार को किसी भी कीमत पर हमारा बकाया चुकाना होगा। अन्यथा सत्ता के पदों को खाली करना होगा।

दूसरी और, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता, शुभेंदु अधिकारी ने एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें राज्य में मनरेगा योजना के कार्यान्वयन की सीबीआई जांच और सीएजी द्वारा ऑडिट कराने की मांग की गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के कुछ नेता लगातार केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से दी जाने वाली धनराशि को रोका जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा- वह क्या चाहते हैं? क्या वह पश्चिम बंगाल के लोगों को भूखा रखने के लिए केंद्र सरकार के साथ साजिश करना चाहते हैं? मैं आदिवासी समुदाय के लोगों से विरोध में धनुष, तीर और पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ सड़कों पर उतरने का अनुरोध करूंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के अलावा केंद्र सरकार आवास योजनाओं के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं करा रही है।

सीएम ने कहा- धन की कमी के कारण 50 लाख से अधिक घरों का निर्माण रुका हुआ है। यह कोई दान नहीं है जो केंद्र सरकार हमें दे रही है। यह राज्य सरकार का बकाया है, केंद्र सरकार माल और सेवा कर में राज्य का हिस्सा नहीं दे रही है।

मुख्यमंत्री के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने 11 साल से अधिक समय हो गया है। घोष ने कहा, वह इतने सालों से क्या कर रही थी। दरअसल, ये उनकी ओर से बहाने हैं क्योंकि वह समझ गई कि आदिवासी वोट बैंक धीरे-धीरे तृणमूल कांग्रेस से दूर जा रहा है।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें