Wednesday, December 25, 2024
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दर्दनाक : आंगन में खेल रहे दो सगे भाईयों को जहरीली चींटियों ने काटा, तीन साल के मासूम की हुई मौत

बागेश्वरः उत्तराखंड के बागेश्वर में आज एक दर्दनाक घटना हुई। जहां आंगन में खेल रहे दो सगे भाईयों को जहरीली चींटियों ने काट लिया, जिसमें तीन साल के बच्चे की मौत हो गई है। दरअसल, पांच वर्षीय प्रियांशु और तीन साल का सागर आंगन में खेल रहे थे। अचानक दोनों भाइयों को चींटियों ने काट दिया।

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दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर परिजन दोनों बच्चों को जिला अस्पताल लेकर आए। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार तीन वर्षीय सागर की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई थी। बागेश्वर के कपकोट तहसील के पौसारी गांव में जहरीली चींटियों के काटने से तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। उसके बड़े भाई को भी चींटियों ने काटा था। अब उसकी हालत में सुधार है। बृहस्पतिवार दोपहर करीब दो बजे पौसारी गांव में भूपेश राम का पांच वर्षीय बेटा प्रियांशु और तीन साल का बेटा सागर आंगन में खेल रहे थे। अचानक दोनों भाइयों को चींटियों ने काट दिया। दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर परिजन दोनों बच्चों को जिला अस्पताल लेकर आए।

लाल रंग की बड़ी चींटियों ने बच्चों को काटा-

जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार तीन वर्षीय सागर की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई थी। प्रियांशु का जिला अस्पताल में इलाज किया गया। उसकी हालत में सुधार होने पर शुक्रवार को परिजन घर ले गए। जिला अस्पताल में दोनों बच्चों का इलाज करने वाले डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार रात 8:57 बजे परिजन बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्चों का परीक्षण किया। सागर की पहले ही मौत हो चुकी थी। प्रियांशु का इलाज किया गया। पिता भूपेश राम ने बताया कि लाल रंग की बड़ी चींटियों ने बच्चों को काटा था। डॉ. मिश्रा का कहना है कि बच्चों को अस्पताल लाने में परिजनों ने देरी कर दी। चींटियों के हमले में मासूम की जान जाने से परिवारजन सदमे में हैं।

खतरनाक होती हैं बुलेट चींटी-

रेड फायर लाल रंग की बुलेट चींटी या रेड फायर चींटी काफी जहरीली मानी जाती है। इन चींटियों के काटने पर तत्काल इलाज न मिला तो जान जा सकती है। जिले में चींटियों के काटने से मौत का पहला मामला बागेश्वर जिले में चींटियों के काटने से मौत का पहला मामला सामने आया है। एसीएमओ डॉ. हरीश पोखरिया का कहना है कि अब तक जिले में चींटियों के काटने से मौत का मामला संज्ञान में नहीं है।

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