नई दिल्लीः देवोत्थान एकादशी के साथ ही चार महीने से क्षीर सागर में सोए भगवान श्रीहरि विष्णु शुक्रवार को योगनिद्रा से जाग गये हैं। देवोत्थान एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाने का विधान है। लेकिन इस बार ग्रह की दशा ठीक नहीं रहने के कारण चार माह से रुके शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य 20 नवम्बर से शुरू हो सकेंगे। विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस वर्ष विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। लेकिन, वर्तमान में और राशि शुभ योग में नहीं आने के कारण शहनाई की गूंज 20 नवम्बर से सुनने को मिलेगी। इस पंचांग वर्ष में कुल 58 शादी के शुभ मुहूर्त हैं।
विवाह की शुभ तिथि
नवम्बरः 20, 21, 24, 25, 27, 28 एवं 30 नवम्बर।
दिसम्बरः 04, 05, 07, 08, 09 एवं 14 दिसम्बर।
जनवरीः 18, 19, 22, 23, 25, 26, 27 एवं 30 जनवरी।
फरवरीः 01, 06, 08, 10, 15, 16, 17, 22, 24 एवं 27 फरवरी।
मार्चः 01, 06, 08, 09 एवं 13 मार्च।
मईः 01, 03, 07, 11, 12, 17, 21, 23, 26, 29 एवं 31 मई।
जूनः 05, 07, 08, 09, 12, 14, 18, 22, 23, 25 एवं 28 जून।
द्विरागमन (बेटी विदाई) का शुभ दिन
नवम्बरः 24, 25, 27, 28 एवं 30।
दिसम्बरः 01, 04, 05, 07, 08, 09, 11 एवं 12।
फरवरीः 23, 24 एवं 27।
मार्चः 01, 02, 03, 08, 09 एवं 10।
अप्रैलः 20, 23, 24, 26, 27 एवं 28।
मईः 01, 04, 05 एवं 07।
मुंडन संस्कार का शुभ दिन
नवम्बरः 25, 28 एवं 30।
दिसम्बरः 05 एवं 09।
जनवरीः 23, 26 एवं 27।
फरवरीः 01, 03, 10, 22, 23 एवं 24।
मार्चः 01, 02, 03, 09 एवं 10।
अप्रैलः 24, 26 एवं 27।
मईः 01, 03, 08, 22, 24, 29 एवं 31।
जूनः 01, 02, 08, 21 एवं 28।
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उपनयन संस्कार (जनेऊ) का शुभ दिन
जनवरीः 26 एवं 31।
फरवरीः 01, 22 एवं 24।
मार्चः 01, 02, एवं 03।
मईः 01, 22, 24, 29, 30 एवं 31।
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