लखनऊः उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में जहां क्षेत्रों में प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, तो वहीं निगम मुख्यालय पर कई अफसर व कर्मी बिना काम के लाखों रुपए की तनख्वाह ले रहे हैं। यही नहीं कई अफसर ऐसे हैं, जिनकी तैनाती किसी विंग में हुई है और वह अन्य विंग का काम देख रहे हैं।
इसके अलावा करीब एक दर्जन की संख्या में एआरएम निगम मुख्यालय पर अटैच हैं, तो क्षेत्रों में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) संचालन का काम यातायात अधीक्षक (टीएस) देख रहे हैं। आलम यह है कि रीजन में फाइनेंस शाखा के अफसर संचालन का काम देख रहे हैं। मुख्यालय पर तैनात कई यातायात अधीक्षक ऐसे हैं, जिनको कोई काम अलाॅट नहीं है। यही नहीं कई टीएस ऐसे हैं, जो जांच की एक फाइल लेकर लम्बे समय से टहल रहे हैं। प्रवर्तन कार्य की बजाय शिकायतों की जांच में लगे हुए हैं। इन्हें प्रवर्तन कार्य में लगाया जाए तो बेटिकट यात्रा के चलते निगम को हो रहे राजस्व के नुकसान को काफी हद तक बचाया जा सकता है। इसी प्रकार तकनीकी शाखा के अफसरों का बेहतर उपयोग वर्कशाॅप में बसों की देख-रेख को लेकर किया जा सकता है।
चार एआरएम को काम अलाॅट नहीं
परिवहन निगम मुख्यालय पर चार सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ऐसे हैं, जिनको कोई काम अलाॅट नहीं है। इनमें से दो एआरएम प्रभारी आरएम भी रह चुके हैं। निगम मुख्यालय पर इनमें से कोई छह महीने से, कोई तीन महीने से तो किसी को अटैच किए हुए दो सप्ताह हो चुका है, मगर काम अलाॅट नहीं किया गया। सूत्रों की मानें तो अटैच किए गए एआरएम प्रधान प्रबंधक संचालन के पर्सनल काम निपटा रहे हैं। जीएम संचालन की ओर से इनसे दिन भर व्यक्तिगत काम कराए जा रहे हैं। इन कर्मियों को बिना काम के लाखों रुपए का वेतन दिया जा रहा है। निगम मुख्यालय पर एक दर्जन की संख्या में टीएस तैनात होंगे। इनमें से कई टीएस ऐसे हैं, जिनको कोई काम अलाॅट नहीं है और बिना काम के ही वेतन दिया जा रहा है।
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तैनाती विंग से अलग विंग में कर रहे काम
परिवहन निगम मुख्यालय पर कई अफसर ऐसे हैं, जिनकी तैनाती विंग अलग है, लेकिन उनसे अलग विंग का काम लिया जा रहा है। क्षेत्रों में जहां तकनीकी शाखा के अफसरों की भारी कमी है, तो वहीं मुख्यालय पर तकनीकी शाखा के अफसरों से अलग विंग का काम लिया जा रहा है। निगम मुख्यालय पर तकनीकी शाखा के अफसर आईटी, ट्विटर व फाइनेंस का काम सम्भाल रहे हैं, जबकि इन अफसरों की तैनाती क्षेत्रों में होती तो बेहतर बस संचालन में मदद मिलती। यही नहीं साॅफ्टवेयर बनाने काम करने वाले प्रोग्रामर से डाटा इंट्री का काम लिया जा रहा है।
अफसरों की दलाली कर रहे सेवानिवृत्त कर्मी
सेवानिवृत्ति के बाद भी कुछ कर्मी अभी भी परिवहन निगम मुख्यालय रोजाना आ रहे हैं। इन कर्मियों का अलाॅटमेंट भी नहीं किया गया है। सूत्र बताते हैं कि सेवानिवृत्त कर्मी मुख्यालय पर तैनात कई उच्चाधिकारियों के लिए दलाली का जरिया हैं। मुख्यालय आने वाले लोगों को अफसरों से मिलवाने व काम की सिफारिश के नाम पर ये कर्मी वसूली करते हैं। इन्हें अफसरों का भी पूरा संरक्षण हासिल है। यही नहीं अफसरों की मेहरबानी का आलम यह रहा कि कुछ महीने पूर्व ही सेवानिवृत्त हुए एक कर्मी को ड्राफ्टर पद पर तैनाती के बावजूद लम्बे समय तक प्रवर्तन विंग का प्रभारी बनाए रखा गया। सूत्रों का कहना है कि उक्त कर्मी सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रवर्तन विंग का प्रभारी बना हुआ है। हाल ही में निगम मुख्यालय से सेवानिवृत्त हुए दो पूर्व उच्चाधिकारियों का पूरा संरक्षण उक्त कर्मी को हासिल है।
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