लंदनः ब्रिटिश सम्राट बनने के बाद चार्ल्स तृतीय ने पहली बार संसद को संबोधित किया। उन्होंने इतिहास के महत्व को रेखांकित करने के साथ अपनी दिवंगत मां को भी याद किया। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके पुत्र चार्ल्स तृतीय को ब्रिटेन का नया सम्राट बनाया गया है। सोमवार को उन्होंने ब्रिटेन के सम्राट के रूप में पहली बार संसद को संबोधित किया। उनके संबोधन के दौरान नौ सौ ब्रिटिश सांसद मौजूद थे।
अपने पहले संबोधन में उन्होंने इतिहास के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संसद हमारे लोकतंत्र का जीवंत तंत्र है। अपनी मां का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी ‘प्रिय दिवंगत मां’ के बताए रास्ते पर चलेंगे, जिन्होंने दुनिया के सामने निरूस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। सम्राट चार्ल्स तृतीय ने कहा कि पूरी जिंदगी महारानी और उनकी प्यारी मां, उनके तथा उनके पूरे परिवार के लिए प्रेरणास्रोत और मिसाल रहीं। वे उनके प्यार, लगाव, मार्गदर्शन, समझ और मिसाल बनने के लिए दिल से कर्जदार हैं, जैसा कि कोई भी परिवार अपनी मां के लिए होता है।
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उन्होंने मां की तरह ही आजीवन सेवा का वादा कर संकल्प लिया कि जीवनभर निष्ठा, सम्मान और प्यार के साथ देश सेवा की कोशिश करेंगे। संसद में संबोधन के बाद 73 वर्षीय सम्राट चार्ल्स तृतीय एडिनबर्ग पहुंचकर दिवंगत रानी के ताबूत के पीछे एक शाही जुलूस का नेतृत्व करेंगे। ताबूत 24 घंटे के लिए गिरजाघर में रखा जाएगा ताकि जनता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सके।
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