गृहकर बकाएदारों पर सख्त हुआ नगर निगम, नोटिस के बाद सील किए जा रहे मकान

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लखनऊः नगर निगम लखनऊ के पास आय बढ़ाने के लिए कई बड़े स्रोत हैं, लेकिन अधिकारियों ने गृहकर वसूली को मजबूत हथियार बनाया है। इसके लिए तमाम बकाएदारों के खिलाफ सीलिंग कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों निगम ने इसके संकेत भी दिए थे। सीलिंग कार्रवाई से पहले तमाम बकाएदारों को नोटिस भेज दी गई है।

नगर निगम के अधिकारियों को उन बकाएदारों के घरों तक पहुंचना होगा, जो बकाएदार हैं। जिन्होंने गृहकर जमा करने में कंजूसी बरती है। ऐसे लोगों के खिलाफ सामान्य वसूली की जा रही है। यदि बकाएदार निर्धारित समय पर रकम जमा नहीं करते हैं, तो निगम के अधिकारी बकाएदारों के घरों के बाहर नोटिस चिपका देंगे और लोगों को भुगतान करने के लिए समय दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि बकाएदारों ने गम्भीरता नहीं दिखाई, तो घरों को सील कर दिया जाएगा।

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माना जा रहा है कि नगर निगम के एक हजार से ज्यादा बड़े बकाएदार हैं, जिन्होंने नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं किया है। इनके लिए भी अधिकारियों ने नोटिस बनवा दी हैं। इनके घरों और प्रतिष्ठानों पर तैयार की गई नोटिस चस्पा की जाएंगी। अब एक तिथि दी जाएगी, उसके बाद सीलिंग और कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। निगम के रजिस्टर में करीब 03 लाख लोगों के नाम हैं, जिन्होंने गृहकर जमा नहीं किया है। इनके लिए नगर आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि मुख्यालय के लोग बकाए की वसूली करें। नोटिस भेजने के लिए मुख्य कर अधिकारी अशोक को जिम्मेदारी दी गई है। बकाएदारों को अधिकतम 20 दिन का समय दिया जाएगा।

कई भवन किए गए सील –

अभी तक जो बड़ी कार्रवाई की गई हैं, वह निगम के जोन एक, जोन पांच और सात में की गई है। इसमें करीब 300 टीमें लगाई गई हैं। भवन सील करने, कुर्की करने और वसूली करने के लिए जोन के कर अधीक्षक भी मौजूद रहे। जो धन अधिकारियों ने इकट्ठा किया है, उसे निगम के कोष में जमा करा दिया गया है। जोन एक में छह भवन सील किए गए हैं। जोन पांच से करीब 11 लाख रूपये जमा किए हैं। जोन सात में चार दुकानों की कुर्की की गई है और करीब डेढ़ लाख रूपए की वसूली कर निगम के कोष में जमा करा दिया गया है।

  • शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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