Lucknow Nagar Nigam: मिला बजट, तो खिल उठे निगम पार्षदों के चेहरे

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लखनऊः शहर में विकास कार्यों की रफ्तार सुस्त पड़ चुकी है। इसका कारण है कि बीते दो सालों कोरोना का कहर घर-घर था। इससे निपटने के लिए लॉकडाउन के कारण नगर निगम के बजट में भी कटौती होती रही है। इसी कारण पार्षद उतना काम नहीं कर पाए, जितनी जनता को उम्मीदें थी। इसके बाद भी 2022 के शुरुआत में तमाम प्रयास किए गए कि शहर के विकास के लिए पार्षदों को पर्याप्त धन मुहैया कराया जाए। अब इसको लेकर सफलता हाथ लगी है और पार्षदों के चेहरे खिल गए हैं।

दरअसल, निगम में बजट को लेकर कई बैठकें हुईं, लेकिन बात नहीं बन सकी। बीते दिनों इसको लेकर नगर निगम में हंगामा भी हुआ था। वर्तमान में नगर आयुक्त ने पार्षदों को मनाने की कोशिश की, तब जाकर यह बात भी सामने आई कि जिस बजट की घोषणा की गई थी, वह पार्षदों को नहीं मिल रहा है। इसके बाद नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने सभी वार्डों के लिए 125 करोड़ रुपए मुहैया कराने के निर्देश दे दिए। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के तमाम कार्याें में अड़चन आई, इसीलिए अटके हुए काम पार्षद कोटे से पूरे कराए जाएंगे। हालांकि, इसमें बड़े कार्य नहीं हो पाएंगे।

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कुछ नए क्षेत्र ऐसे हैं, जो वार्ड में शामिल किए गए हैं। जैसे- 88 गांवों का भौगोलिक क्षेत्र। बजट 2022-23 कांे 13 जून को सदन में पास किया गया था। इसमें आय और व्यय को लेकर चर्चा भी की गई थी। यह बजट 10 दिन के भीतर ही पारित किया जाना था, लेकिन निकाय चुनाव नजदीक होने के बाद भी जुलाई तक इसमें अड़चनें रहीं। कभी फाइल में हस्ताक्षर नहीं होती, तो कभी कोई आपत्ति लग जाती। अब पार्षदों को विकास कार्य कराने के लिए जिस अधिकारी को आगे किया गया है, उसमें अपर नगर आयुक्त राकेश यादव का नाम है। उन्होंने बजट की कार्यवाही रिपोर्ट जारी कर दी है यानी अब विकास कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होगी। पार्षद अपने क्षेत्रों में नाली, साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था कर सकते हैं।

  • शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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