झांसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए सदैव चिंतित रहते हैं। उनकी यह चिंता उनके भाषणों में भी साफ सुनाई देती है। बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश में कई योजनाएं भी चल रही हैं। सरकार के इन प्रयासों का असर भी दिख रहा है।
बुंदेलखंड में बेटियां रोजगार और कौशल के क्षेत्र में नई कहानी गढ़ने में जुटी हैं। झांसी में कौशल विकास के प्रशिक्षण केंद्रों पर बेटियों और महिलाओं की संख्या यह बताने के लिए काफी है कि वह आत्मनिर्भरता को लेकर काफी सजग हैं।
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स्वरोजगार को लेकर युवाओं में बढ़ा रुझान –
झांसी में साल 2021-22 में लगभग 2400 प्रशिक्षणर्थियों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें से महिलाओं की संख्या 1360 और पुरुषों की संख्या 1040 रही। वर्ष 2022-23 में 756 प्रशिक्षणार्थी विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं, जिनमें से महिलाओं की संख्या 400 और पुरुषों की संख्या 356 हैं। महिलाएं और लड़कियां मुख्य रूप से हैंडीक्राफ्ट, नर्सिंग, सिलाई और ब्यूटी पार्लर से जुड़े कोर्स में ट्रेनिंग हासिल कर रही हैं। इन क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार दोनों की संभावना बेहतर होने के कारण प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का रुझान अधिक देखा जा रहा है।
नारी सुरक्षा पर सरकार के फोकस से बना माहौल –
कौशल विकास की ट्रेनिंग पार्टनर संस्था स्किल्ड इंडिया सोसाइटी के डायरेक्टर नीरज सिंह बताते हैं कि झांसी नर्सिंग के लिहाज से इस समय बुंदेलखंड हब बन गया है और नर्सिंग से संबंधित प्रशिक्षण करने वाली लड़कियों को यहां रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसके अलावा महिलाएं ऐसे कोर्स में अधिक दिलचस्पी ले रही हैं, जिनमें रोजगार और स्वरोजगार दोनों के अवसर हों। कौशल विकास मिशन के झांसी के समन्वयक राजकुमार शाक्य कहते हैं कि लड़कियों और महिलाओं में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ रही है। महिलाओं और बेटियों को भयमुक्त बनाने के सरकार के प्रयासों से भी उन्हें प्रोत्साहन मिला है और वे प्रशिक्षण हासिल करने के लिए केंद्रों पर आ रही हैं।
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