नई दिल्लीः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) हर साल देश में अपराध से संबंधित व्यापक आंकड़े जारी करता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट का लेटेस्ट एडिशन 29 अगस्त को जारी किया गया था। रिपोर्ट में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा साझा किए गए अपराध का डेटा शामिल है। एनसीआरबी डेटा देश के विभिन्न राज्यों में अपराध और लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था की स्थिति का एक पर्सपेक्टिव है। एनसीआरबी डेटा विभिन्न राज्यों द्वारा अपराध नियंत्रण नीतियां तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देता है।
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वहीं देश भर में एक सर्वे किया, ताकि पता लगाया जा सके कि अपराध को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा बनाई गई नीतियों के बारे में लोग क्या सोचते हैं। सर्वे में पाया गया कि 19 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य सरकारें अपराध को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नीतियां बना रही हैं। वहीं, 43 प्रतिशत लोगों का कहना है कि राज्य सरकारों को बेहतर नीतियां बनाने की आवश्यकता है। जबकि 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राज्य सरकारें कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं कर रही हैं।
सर्वे के दौरान पुरुष और महिला दोनों उत्तरदाताओं द्वारा समान विचार व्यक्त किए गए थे। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, केवल 19 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं और 20 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं ने राज्य सरकारों की नीतियों में अपना विश्वास व्यक्त किया। 45 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं और 41 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं ने कहा कि राज्य सरकारों को अपराध को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत स्तर पर काफी कुछ करने की आवश्यकता है।
वहीं, 35 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं और 42 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार राज्य सरकारों की प्राथमिकता में नहीं है। इसी तरह, शहरी और ग्रामीण दोनों उत्तरदाताओं का एक छोटा अनुपात मानता है कि अपराध को नियंत्रित करना विभिन्न राज्य सरकारों की प्राथमिकता रही है। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 20 प्रतिशत शहरी उत्तरदाताओं और 10 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने राज्य सरकारों द्वारा अपराध को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई नीतियों की सराहना की। 47 प्रतिशत शहरी उत्तरदाता और 47 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाता चाहते हैं कि सरकार उनके राज्यों के निवासियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए बेहतर नीतियों का मसौदा तैयार करें।
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