नई दिल्लीः देश में सर्वाकल कैंसर से लड़ रही महिलाओं के लिए राहत की खबर है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन गुरुवार को लॉन्च किया गया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने एक साथ मिलकर सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ वैक्सीन क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) विकसित की है। इस वैक्सीन की कीमत 200-400 रुपये के बीच रखी गई है और यह साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी।
बता दें कि देश में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मामले सर्वाइकल कैंसर के देखे जाते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर के लिए पहले से ही एचवीवी वैक्सीन मौजूद है, लेकिन लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन मौजूदा वैक्सीन की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध होगी।
इतनी होगी कीमत
गुरुवार को वैक्सीन की शुरुआत के मौके पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना के बाद लोगों में वैक्सीन को लेकर जागरुकता बढ़ी है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन महिलाओं के लिए मददगार साबित होगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि इस वैक्सीन की कीमत कम रखी जाएगी। इस वैक्सीन की कीमत 200-400 रुपये के बीच हो सकती है।
3 लाख से ज्यादा महिलाओं की हो चुकी मौत
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। यह कैंसर महिला के गर्भाशय में विकसित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में दुनिया भर में करीब 5,70,000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हुईं और लगभग 3,11,000 महिलाओं की इस बीमारी से मृत्यु हो गई।
मौतों पर लगेगी लगाम
एक्सपर्ट्स ने आशा व्यक्त की है कि इसे राष्ट्रीय एचपीवी टीकाकरण रणनीतियों में लागू किया जाएगा. फिलहाल दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर की दो वैक्सीन हैं। इनमें पहली है क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन और दूसरी है बाइवेलेंट वैक्सीन। जो वैक्सीन सीरम ने तैयार कि है। वह हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के समान वीएलपी पर आधारित है। डॉक्टरों का कहना है कि इस वैक्सीन के आने से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी और इस कैंसर से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा।
कितनी है कारगर
सर्वाइकल कैंसर की इस स्वदेशी वैक्सीन के बारे में डॉ एन के अरोड़ा ने बताया- करीब 90 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर के केस ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वायरस के कारण होते हैं। परीक्षण में इस टीके को इस वायरस के खिलाफ काफी असरदार पाया गया है। अगर इस वैक्सीन को युवाओं को दिया जाए तो इससे अगले 30 साल तक उन्हें इस गंभीर प्रकार के कैंसर के जोखिम से बचाया जा सकता है। यह वैक्सीन हर साल लगभग लाखों महिलाओं की इस कैंसर से होने वाली मौत के जोखिम को कम करने में मदद कर सकेगी।
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