रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सीबीआई जांच के अब तक के नतीजों पर गहरा असंतोष जताया है। कोर्ट ने बुधवार को मौखिक तौर पर कहा कि सीबीआई ने इस मामले में जिस स्टेज पर जांच शुरू की थी, उसके आगे वह कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पायी। हत्या के पीछे षड्यंत्र का अब तक खुलासा नहीं हो पाया।
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इस बीच इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर निचली अदालत में ट्रायल में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने इसके बाद भी मामले में जांच जारी रखने की जानकारी हाईकोर्ट को दी है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो अभियुक्तों को सजा हो चुकी है। ट्रायल खत्म हो गया है तो फिर सीबीआई कैसे आगे की जांच जारी रख सकती है? कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या सीबीआई की ओर से निचली अदालत से जांच जारी रखने के लिए छूट ली गई है? कोर्ट ने सीबीआई से यह भी पूछा है कि वह अब आगे किस प्रावधान के तहत जांच करेगी? इस मामले में लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 31 अगस्त को मुकर्रर की है।
गौरतलब है कि धनबाद में अपर डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में पदस्थापित रहे उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई 2021 को हुई थी। वह धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास मॉनिर्ंग वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। सीबीआई की जांच में सामने आया कि ऑटो चला रहे लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा ने इरादतन टक्कर मारकर उनकी हत्या की थी। इन दोनों को धनबाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बीते छह अगस्त को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सीबीआई की जांच रिपोर्ट और चार्जशीट में इस प्रश्न का स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है कि उनकी हत्या के पीछे का मकसद क्या था?
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