भागलपुरः आज जहां वृद्ध माता-पिता के साथ बदतमीजी करने, बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धाश्रम भेज देने की खबरे सामने आती हैं, इस बीच भागलपुर के सुल्तानगंज में ऐसे पुत्र और पुत्रवधू ने भी मिसाल कायम की है जो अपने माता-पिता की इच्छा पूर्ति करने के लिए बहंगी में उन्हें बैठाकर देवघर की ओर निकल गए हैं। आम लोग अब उसे श्रवण कुमार बता रहे हैं, जिस पात्र का वर्णन रामायण में किया गया है। दरअसल, जहानाबाद के रहने वाले चंदन कुमार से उनके माता-पिता ने कुछ दिन पहले देवघर बाबाधाम पैदल ही जाने की इच्छा व्यक्त की थी। लेकिन, इस उम्र में उन्हें सुल्तानगंज से बाबाधाम 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा आसान नहीं थी।
चंदन बताते हैं कि इसके लिए मैंने अपनी पत्नी रानी देवी को बताया तो उन्होंने ने भी इसमें अपनी भागीदारी देने की हिम्मत दी। इसके बाद हमदोनों ने निर्णय लिया कि माता-पिता को हम बहंगी (बांस से तैयार किया गया) में बिठाकर अपने कंधे के बल इस यात्रा को सफल करेंगे। इसके लिया एक मजबूत कांवड़नुमा बहंगी तैयार करवाया और माता-पिता को बाबाधाम ले जाने का निर्णय ले लिया। चंदन सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा से सोमवार को जल भरकर उस बहंगी में आगे पिताजी और पीछे माताजी को बिठाकर यात्रा शुरू की है। बहंगी के आगे हिस्से को जहां चंदन अपने कंधे पर लिया है जबकि उनकी पत्नी रानी देवी पीछे से सहारा देती रही हैं। इस यात्रा को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध चंदन कहते हैं कि यह लंबी यात्रा है, समय लगेगा, लेकिन हम इस यात्रा को जरूर सफल करेंगे।
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इधर, रानी कहती है कि जब पति के मन में इच्छा जाहिर हुई तो मुझे भी इसमें भागीदार बनने का मन हुआ। उन्होंने कहा हम लोग खुश हैं कि अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने निकले हैं और लोग भी हम लोगों को हिम्मत दे रहे हैं और प्रशंसा कर रहे हैं। चंदन के माता-पिता भी पुत्र को सबल बनाने का आशीर्वाद देती हैं कि उनकी इच्छा पूरी हो। उल्लेखनीय है कि 12 ज्योतिलिंर्गो में एक देवघर स्थित बाबाधाम है। यहां सावन महीने में प्रतिदिन एक लाख लोग जलार्पण करने पहुंचते हैं। बड़ी संख्या में कांवड़िए सुल्तानगंज गंगा से जलभर कर यहां पहुंचते है और बाबा पर जलार्पण करते हैं।
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