तिरुवनंतपुरम : रविवार को यहां के एक परीक्षा केंद्र में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में शामिल होने वाली छात्राओं को अपने इनरवियर को उतारने के लिए कहने के बाद माता-पिता नाराज हो गए। एक नाराज माता-पिता, जिनकी बेटी को तिरुवनंतपुरम से 60 किलोमीटर दूर अयूर में सेंटर में इस परीक्षा से गुजरना पड़ा, उन्होंने सोमवार को कहा कि जो हुआ वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उनके पास शिकायत करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
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उन्होंने कहा, “हमने उसे दोपहर करीब 12 बजे परीक्षा केंद्र पर छोड़ दिया और बाद में हमें परीक्षा अधिकारियों द्वारा एक शॉल देने के लिए कहा गया। परीक्षा के बाद बाहर आने के बाद ही हमें पता चला कि क्या हुआ था। ऐसा लग रहा था कि उसके इनरवियर में कोई धातु की वस्तु थी जिसका उन्हें स्क्रीनिंग के दौरान पता चला था। उसे और कई अन्य छात्राओं को इस तरह के इनरवियर को हटाने के लिए कहा गया और उसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी गई।
मामले से काॅलेज ने झाड़ा पल्ला –
यहां तक कि जिस काॅलेज में यह घटना हुई, उस काॅलेज ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। काॅलेज प्रशासन का कहना है कि परीक्षा की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी गई थी, इसलिए इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। छात्राओं के माता-पिता ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को इस तरह के अपमान से गुजरना पड़ा, वे सभी भारी दबाव में थे और इस असंवेदनशील व्यवहार के कारण उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा।
छात्रों ने निकाला मार्च, पुलिस ने शुरू की जांच –
एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) की स्टेट विंग के अध्यक्ष के.एम. अभिजीत ने कहा कि गलत करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, जबकि छात्रों ने घटना के बारे में सुनकर उस संस्थान की ओर विरोध मार्च निकाला जहां यह घटना हुई थी। संस्था ने इस घटना से मुंह मोड़ लिया है और जो कुछ हुआ उसके लिए परीक्षा कराने वाली एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। स्थानीय पुलिस ने भी शिकायत दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी है।
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