Sunday, December 22, 2024
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रविंद्र जायसवाल बोलेः स्टाम्प बेचने के पुराने तरीके में बदलाव से लोगों को मिली सहूलियत

लखनऊः स्टाम्प व न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने योगी सरकार के सौ दिन के कार्यकाल में विभाग द्वारा किये गये कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सौ दिन पहले घर-घर सौहार्द व्यवस्था लागू नहीं थी और अब उसे लागू किया गया है। इसमें पिता की ओर से पुत्रों या पुत्र-पुत्री या पुत्री दामाद के नाम पर प्राॅपर्टी करने पर स्टाम्प शुल्क सात लाख रुपये लगता था, जो अब पांच हजार रुपये कर दिया गया है। मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि योगी सरकार में यह बड़ा निर्णय हुआ है। आज सिविल में ज्यादातर 80 प्रतिशत मामले प्राॅपर्टी के हैं, और जो भाइयों या परिवार के अन्य सदस्यों में आपस में ही चल रहे है। आने वाले वक्त में ये मुकदमें नहीं दिखेगे। इसमें पिता स्वयं निर्णय कर सकेगा कि मैं अपनी प्राॅपर्टी किसे देना चाहता हूं। इससे घर-घर में सौहार्द का माहौल बनेगा।

उन्होंने सौ दिनों की उपलब्धि बताते हुए कहा कि 48 घंटे में ऑनलाइन आवेदन से स्टाम्प वेंडर बनाया जा रहा है। स्टाम्प बेचने के पुराने तरीके में बदलाव किया गया है और इससे स्टाम्प वेंडर पद पर रोजगार सृजित हुआ है। कोई भी व्यक्ति अपने आधार कार्ड को जोड़कर एडीएम फाइनेंस के कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्टाम्प को सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए आपके आसपास राशन की दुकान और सीएससी पर भी स्टाम्प बिक्री की सुविधा दे दी गयी है। राशन की दुकान वाला भी स्टाम्प बेच सकेगा और आप उससे खरीदकर अपने काम को कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि पहले एरिया के अनुसार एक कक्ष में भीड़ होती थी तो दूसरे कक्ष में भीड़ न होने पर कर्मचारी खाली बैठे रहते थे। अब ये कर दिया गया है कि जो व्यक्ति भीड़ वाले कक्ष में लगा है, उसका काम खाली बैठे कर्मचारी भी करेंगे। जिससे खाली बैठे कर्मचारियों को भी रोजाना काम मिल जाया करेगा। इसके साथ ही टोकन सिस्टम लागू कर दिया गया है, जिससे सुबह से शाम तक रजिस्ट्री कार्यालय में नहीं खड़ा होना पड़ेगा, टोकन के अनुसार आप कार्यालय पहुंच सकेंगे। इससे समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि स्टाम्प से जुड़े हुए समस्त कार्यालयों को सीसीटीवी कैमरे से जोड़ दिया गया है। कार्यालयों में रजिस्टार से लेकर कर्मचारियों तक को पहचान पत्र दे दिया गया है, उनके अलावा कोई दूसरा व्यक्ति कार्यालय में आता-जाता दिखेगा तो उसे चिन्हित किया जायेगा। सभी सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल रूप और मुख्यालय से जोड़ दिया गया है। जिससे प्रतिदिन की निगरानी हो सके।

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