कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नियुक्त करने संबंधी विधेयक लाने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ही खबर है कि मंगलवार या बुधवार को यह विधेयक सदन में पारित करने के लिए लाया जा सकता है। हालांकि सोमवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता बनर्जी भले ही सेवानिवृत्त हो जाएंगी लेकिन विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनने का सपना पूरा नहीं होगा।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक अधिकारी के नेतृत्व में पार्टी के विधायकों ने सदन के बाहर ही विरोध प्रदर्शन किया और इसके पहले के बजट सत्र में निलंबित सात विधायकों का निलंबन वापस लेने की मांग की। भाजपा विधायक विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिए है। यहां मीडिया से मुखातिब शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भले ही विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर ममता बनर्जी को नियुक्त करने संबंधी विधेयक राज्य सरकार बलपूर्वक विधानसभा में पारित करा ले लेकिन इसे अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की जरूरत पड़ेगी। जहां से कतई अनुमति नहीं मिलेगी इसीलिए मुख्यमंत्री का यह सपना अधूरा ही रहेगा और इसी अधूरे सपने के साथ वह रिटायर हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि विधेयक आगर विधानसभा से पास हो गया तो इसे राज्यपाल की अनुमति की जरूरत पड़ेगी। अगर राज्यपाल अनुमति भी दे देते हैं तो उसे केंद्र सरकार के अनुमोदन की जरूरत होगी। मैं केवल याद दिला देना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ”बंग” करने का प्रस्ताव अभी तक दिल्ली में लटका हुआ है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में विधान परिषद तैयार करने का भी प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर दिल्ली भेज दिया गया है और अभी तक लंबित है। इसी तरह से विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनने का ममता का सपना भी लंबित रहेगा।
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उन्होंने यह भी कहा कि जब विधानसभा में यह बिल पेश होगा तो भाजपा के विधायक इसका पुरजोर विरोध करेंगे। हमारे विधायक इस विधेयक पर परिचर्चा में भी शामिल होंगे और इसके विरोध में अपना बयान भी रिकॉर्ड कराएंगे। वोटिंग में भी विधायक हिस्सा लेंगे।
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